बंगाल के राज्यपाल पर छेड़खानी का आरोप लगाने वाली महिला का निकला TMC संबंध, मां लड़ चुकी है पार्टी से चुनाव
बंगाल के राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस पर छेड़खानी का आरोप लगाने वाली राजभवन की महिला कर्मचारी के परिवार के बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस से संबंध होने की बात सामने आई है। भाजपा व माकपा ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे साजिश बताया है। पता चला है कि महिला पूर्व मेदिनीपुर जिले की रहने वाली है। वह 2019 से राजभवन में काम कर रही थी।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल के राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस पर छेड़खानी का आरोप लगाने वाली राजभवन की महिला कर्मचारी के परिवार के बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस से संबंध होने की बात सामने आई है। भाजपा व माकपा ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे साजिश बताया है।
पता चला है कि महिला पूर्व मेदिनीपुर जिले की रहने वाली है। वह 2019 से राजभवन में काम कर रही थी। 2002 में उसकी मां ने तृणमूल के टिकट से चुनाव लड़ा था और माकपा प्रत्याशी से हार गई थी। माकपा के पूर्व मेदिनीपुर जिला सचिव निरंजन सिही ने बताया कि भ्रष्टाचार के मामलों व संदेशखाली कांड से लोगों का ध्यान हटाने के लिए तृणमूल की यह साजिश है।
भ्रष्टाचार व हिंसा के विरुद्ध लड़ाई रोकने की साजिश
मालूम हो कि महिला ने गत गुरुवार को राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत की थी। राज्यपाल ने इसे भ्रष्टाचार व हिंसा के विरुद्ध उनकी लड़ाई रोकने की साजिश करार दिया है। इस बीच हेयर स्ट्रीट थाने की ओर से राजभवन परिसर में स्थित पुलिस आउटपोस्ट के थानेदार से मामले की जांच के लिए राजभवन का वीडियो फुटेज मांगा गया है।राज्यपाल की छवि खराब करने की कोशिश कर रही टीएमसी
वहीं भाजपा के जिला नेता देबब्रत पटनायक ने कहा कि तृणमूल गढ़ी गई घटना के जरिए राज्यपाल की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है। इसके जवाब में स्थानीय तृणमूल नेता असित बंद्योपाध्याय ने कहा,'पीड़िता अथवा उसके परिवार के हमारी पार्टी से जुड़े होने का यह मतलब नहीं है कि उसके साथ गलत आचरण किया जा सकता है।' बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से इस प्रकरण के बारे में पूछे जाने पर कहा कि राष्ट्रपति अथवा राज्यपाल के विरुद्ध कोई मामला दर्ज नहीं हो सकता।
ये भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में वोटिंग से दो दिन पहले मचा हड़कंप, मुर्शिदाबाद में अलग-अलग जगहों पर मिले 16 बम
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।