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'बंगाल में महिलाएं सुरक्षित नहीं, आत्मरक्षा का प्रशिक्षण लेना जरूरी', राज्यपाल ने ममता सरकार को घेरा

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर राज्य की टीएमसी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सीखने होंगे क्योंकि बंगाल अब महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। अभया प्लस कार्यक्रम की शुरुआत भी की। इसके तहत महिलाओं को कराटे की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस कार्यक्रम का विस्तार ग्रामीण इलाके तक किया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 04 Nov 2024 05:22 AM (IST)
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बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस। ( फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में महिलाओं व बच्चियों के साथ एक के बाद एक दुष्कर्म व हत्या जैसे अपराध की घटनाओं पर राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने चिंता जताते हुए ममता सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बंगाल में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।

महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण लेने की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया। भाई दूज की पूर्व संध्या पर शनिवार शाम कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले के बारासात में आयोजित सामूहिक भाई फोटा कार्यक्रम में उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने महिलाओं से भाई फोटा भी लिया और उन्हें उपहार भी दिया।

गांवों तक पहुंचेंगे आत्मरक्षा के गुर

महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए बोस ने इस मौके पर राजभवन द्वारा राज्य की महिलाओं के लिए आत्मरक्षा के कराटे प्रशिक्षण सत्र 'अभया प्लस' शुरू करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसे गांवों तक विस्तारित किया जाएगा। बंगाल के राज्यपाल के रूप में दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बोस ने शुक्रवार को राजभवन में अपना भारत- जागता बंगाल नाम से व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रम की शुरुआत के साथ कई नई पहल की घोषणा की थी, जिसमें महिलाओं के लिए आत्मरक्षा के 'अभया प्लस' कार्यक्रम भी शामिल है।

इस वजह से शुरू किया अभया प्लस कार्यक्रम

राज्यपाल ने कहा- मुझे याद है जब मैं पिछले साल संदेशखाली गया था तो बहनों ने कहा था कि राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। आरजी कर घटना के बाद अब मुझे भी लगता है कि बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। इसलिए मैंने ऐसी परिस्थितियों में राज्य की महिलाओं की सुरक्षा के लिए अभया प्लस कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है।

शरीर और दिमाग रहेगा तंदरूस्त

राज्यपाल ने इस मौके पर महिलाओं को आत्मरक्षा तकनीक सीखने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि यह न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है बल्कि उनके शरीर और दिमाग को तंदरूस्त बनाए रखने में भी मदद कर सकती है।

प्रशिक्षण में शामिल होगा कलारीपयट्टू

इधर, राजभवन की तरफ से एक्स पर एक पोस्ट में बताया गया कि राज्यपाल ने महिलाओं की आत्मरक्षा के लिए अपने गृह राज्य केरल की पारंपरिक मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू को भी बंगाल में अपनाने का निर्णय लिया है। राजभवन द्वारा महिलाओं के लिए आयोजित किए जाने वाले आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम में कलारीपयट्टू और कराटे का मिश्रण होगा और इसे 'कला-टे' नाम दिया गया है।

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