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Bengal: सुंदरवन क्षेत्र में पहली बार BSF महिला प्रहरियों की तैनाती, घने जंगलों व नदियों से घिरा है यह इलाका

बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने बड़ा कदम उठाते हुए पहली बार इस दलदली इलाके व चारों तरफ विशाल घने जंगलों एवं नदियों से घिरे इस दुर्गम क्षेत्र से गुजरने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए महिला सशक्तीकरण की प्रतीक महिला प्रहरियों को तैनात किया है।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sun, 18 Dec 2022 11:04 PM (IST)
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सुंदरवन क्षेत्र में पहली बार BSF महिला प्रहरियों की तैनाती।
राजीव कुमार झा, कोलकाता। बंगाल के दुर्गम सुंदरवन क्षेत्र में बांग्लादेश के साथ लगती विशाल जलीय सीमा की सुरक्षा में अब बीएसएफ की महिला प्रहरी भी नजर आएंगी। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने बड़ा कदम उठाते हुए पहली बार इस दलदली इलाके व चारों तरफ विशाल घने जंगलों एवं नदियों से घिरे इस दुर्गम क्षेत्र से गुजरने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए महिला सशक्तीकरण की प्रतीक महिला प्रहरियों को तैनात किया है।

महिला प्रहरियों के कंधों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी

अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने के लिए कुछ माह पहले तैनात किए गए बीएसएफ के छह नए फ्लोटिंग बीओपी (पानी में तैरते सीमा चौकी) में से एक 'बीओपी गंगा' से सुरक्षा की जिम्मेदारी अब पूरी तरह महिला जवानों के कंधों पर सौंपी गई है। लिहाजा इस बीओपी से सीमा सुरक्षा का मोर्चा अब महिलाओं ने संभाला है और वह लड़ाकू भूमिका में स्वतंत्र रूप से नजर आएंगी। दो दिन पहले एक कार्यक्रम में महिलाओं को यह जिम्मेदारी सौंपी गई।

इतिहास में पहली बार उठाया गया कदम

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी अमरीश कुमार आर्य के अनुसार, बीएसएफ के इतिहास में यह पहली बार है जब सुंदरवन जैसे कठिन क्षेत्र में एक फ्लोटिंग बीओपी के संचालन एवं सीमा पेट्रोलिंग के लिए महिला जवानों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल महिला जवानों के एक प्लाटून (टुकड़ी) को यहां तैनात किया गया है, जिसमें 15 से 20 जवान होते हैं।

बहुत चुनौतीपूर्ण है सुंदरवन क्षेत्र की सुरक्षा

बता दें कि बंगाल के उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिले में भारत और बांग्लादेश की सीमा के बीच सैकड़ों किलोमीटर में फैले सुंदरवन क्षेत्र की सुरक्षा बेहद ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस क्षेत्र से मवेशियों व मादक पदार्थों की तस्करी एवं घुसपैठ बड़ी समस्या रही है। घने जंगल और चारों ओर पानी से घिरे इस इलाके में स्थायी चौकी की बजाय बड़े जहाज को फ्लोटिंग बीओपी में तब्दील कर बीएसएफ चौबीसों घंटे निगरानी करती है। यहां रायमंगल और इच्छामती जैसे कई नदियों के बीच से दोनों देशों की सीमा गुजरती है, ऐसे में बहुत कठिन हालात में यहां ड्यूटी करनी पड़ती है।

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