Move to Jagran APP

गौड़ बंग विश्वविद्यालय में ईसी सदस्य की अवैध तरीके से नियुक्ति

कैचवर्ड खलबली -उपकुलपति पर गलत तरीके से नियुक्ति करने का आरोप -पहले भी मनमर्जी से विभ

By JagranEdited By: Updated: Wed, 15 Dec 2021 07:58 PM (IST)
Hero Image
गौड़ बंग विश्वविद्यालय में ईसी सदस्य की अवैध तरीके से नियुक्ति

कैचवर्ड : खलबली

-उपकुलपति पर गलत तरीके से नियुक्ति करने का आरोप

-पहले भी मनमर्जी से विभागीय हेड व डीन की नियुक्ति का है मामला

संवाद सूत्र,मालदा: गौड़ बंग विश्वविद्यालय के उपकुलपति पर फिर नियमों की अवहेलना करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि अपने प्रिय पात्र को एक्जक्युटीव कमेटी(ईसी) का सदस्य बनाया गया। इस सदस्य को लेकर आगामी 22 दिसंबर को ईसी बैठक बुलायी गयी है। चूंकि ईसी सदस्य की नियुक्ति अवैध तरीके से हुई है, इसे लेकर विश्वविद्यालय में खलबली मची है। इस बैठक को अवैध घोषित किया गया। आरोप है कि उपकुलपति ने इससे पहले भी विभाग के हेड व डीन की नियुक्ति अपनी मर्जी से किया है। इसके बाद अब ईसी की नियुक्ति भी नियमों का उल्लंघन करके किया गया। उल्लेखनीय है कि यूनिवर्सिटी ऑपु गौड़ बंग संशोधन एक्ट 2011 के तहत धारा 8.2(1) के तहत ईसी मेम्बर की नियुक्ति एलफाबेट के हिसाब से होगा। इसका कार्यकाल एक साल तक रहेगा। अभी तक ई एलफाबेट तक नियुक्ति हुआ था। मतलब अंग्रेजी विभाग तक नियुक्ति हुई थी। लेकिन इसकी अवधि विगत सितम्बर माह में खत्म हो गयी। नियम अनुसार फिजियोलॉजी, जिओग्रफी, मैथमैटिक्स विभाग से ईसी की नियुक्ति होनी थी। लेकिन उपकुलपति शांति क्षेत्री ने फिर बंगला,बोटनी और कमेस्ट्री विभाग से ईसी सदस्य को नियुक्त किया। वहीं विभाग में हेड के पद का एक साल के बाद रोटेशन होता है। लेकिन केमेस्ट्री विभाग में एक हेड को लगातार दो साल तक हेड बनाया गया। इसे लेकर विश्वविद्यालय के अध्यापकों ने निंदा की है। तृणमूल कांग्रेस के अध्यापक संगठन वेबकूपा ने इसका विरोध किया। संगठन के विश्वविद्यालय के संयुक्त संयोजक डॉ. सादेक अली ने बताया कि इस तरह ईसी की नियुक्ति नहीं होती। उपकुलपति ने नियमों की अवहेलना की है। आगामी 22 दिसंबर को जो ईसी बुलायी गयी है, वह भी अवैध है। दूसरी ओर उपकुलपति ने इस संबंध में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

कैप्शन : गौड़ बंग विश्वविद्यालय का भवन

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।