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बाढ़ राहत घोटाले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन

- हरिश्चंद्रपुर एक नंबर पंचायत समिति की पूर्व अध्यक्ष जयश्री कर्मचारी व उसके पति की गिरफ्तारी की म

By JagranEdited By: Updated: Sun, 21 Aug 2022 06:24 PM (IST)
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बाढ़ राहत घोटाले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन

- हरिश्चंद्रपुर एक नंबर पंचायत समिति की पूर्व अध्यक्ष जयश्री कर्मचारी व उसके पति की गिरफ्तारी की मांग

संवादसूत्र, मालदा : 2017 साल में जिले के हरिश्चंद्रपुर एक नंबर ब्लाक के बाढ़ राहत घोटाले को लेकर फिर से हलचल शुरू हो गई है। इस बार हरिश्चंद्रपुर भाजपा नेतृत्व ने बाढ़ राहत घोटाले के आरोपियों में से एक हरिश्चंद्रपुर एक नंबर पंचायत समिति के पूर्व अध्यक्ष जयश्री कर्मकार और उनके पति बापी पाल की तत्काल गिरफ्तारी की माग को लेकर हरिश्चंद्रपुर कुशीदा बस स्टैंड पर विरोध प्रदर्शन किया।

भाजपा का दावा है कि हरिश्चंद्रपुर एक नंबर पंचायत समिति की तत्कालीन अध्यक्ष व तृणमूल नेता जयश्री कर्माकर ने 2017 की बाढ़ से प्रभावित लोगों के पैसे में गड़बड़ी की। साथ ही इसी प्रकार का आरोप वर्तमान अध्यक्ष कोयल दास, पंचायत समिति के नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान तृणमूल नेता सुजाता साहा, राहत अधिकारी रोशनी खातून के उपर भी लगा था। जिसके बाद हरिश्चंद्रपुर एक नंबर ब्लॉक के बीडीओ अनिर्बान बोस ने हरिश्चंद्रपुर थाने में शिकायत दर्ज कराकर अदालत में मामला भी दर्ज कराया। शिकायत के बाद रोशनी खातून को जेल हुआ। जबकि कोयल दास और सुजाता साहा को अदालत से अग्रिम जमानत मिल गई। लेकिन रहस्यमय तरीके से जयश्री कर्मकार और उनके पति बापी पाल के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दर्ज किया गया। वही हरिश्चंद्रपुर थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी इनलोगों के खिलाफ कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई।

दूसरी ओर, यह देखा गया कि हाल ही में जब सत्ता पक्ष की ब्लॉक समिति की सूची प्रकाशित हुई थी, तब भी आरोपी पंचायत समिति सदस्य जयश्री कर्मकार के नाम की घोषणा हरिश्चंद्रपुर एक नंबर ब्लाक के तीन क्षेत्रों की महिला अध्यक्ष के रूप में चुनी गई। जिसके बाद हरिश्चंद्रपुर के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रविवार को हरिश्चंद्रपुर थाना क्षेत्र के कुशीदा बस स्टैंड पर धरना दिया। जिसमें उन्होंने आरोपी पंचायत समिति सदस्य और तृणमूल नेता जयश्री कर्मकार और उनके पति बापी पाल की तत्काल गिरफ्तारी की माग की।

हालाकि, हरिश्चंद्रपुर पुलिस प्रशासन ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की। इस पूरी घटना से तृणमूल और विपक्ष का राजनीतिक दबाव शुरू हो गया है।

गौरतलब है कि हरिश्चंद्रपुर एक नंबर ब्लाक के कुशीदा ग्राम पंचायत का एक हिस्सा 2017 की बाढ़ में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। 2019 की शुरुआत में हरिश्चंद्रपुर एक नंबर ब्लाक में पीड़ितों के लिए 16 करोड़ रुपये डाले गए। लेकिन आरोप लगाया गया कि यह पैसा वास्तविक पीड़ितों के खातों में नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों और उनके रिश्तेदारों के खातों में कई बार जमा कराया गया। जिसके बाद बीडीओ हरिश्चंद्रपुर एक नंबर ब्लाक के अनिर्बान बोस ने हरिश्चंद्रपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई।

सूत्रों के मुताबिक पुलिस अधिकारियों द्वारा पूछताछ के दौरान बीडीओ अनिर्बान बोस ने सीधे तौर पर जयश्री कर्मकार और उनके पति बापी पाल पर भ्रष्टाचार के पीछे होने का आरोप लगाया। इनके नाम बाढ़ राहत मामले में शामिल थे।

ज्ञात हुआ है कि कुशीदा ग्राम पंचायत के पालपारा व रक्षित पारा क्षेत्र में कई परिवारों के खातों में 70 हजार रुपये जमा हुए। लेकिन उस क्षेत्र में बाढ़ का पानी नहीं पहुंचा था। जयश्री कर्माकर और बापी पाल ने मिथुन रक्षित नाम के एक स्थानीय व्यक्ति के जरिए इस पैसे का लेन-देन किया। वही मिथुन रक्षित ने पुलिस पूछताछ में सब कुछ कबूल कर लिया। जयश्री कर्मकार और उनके पति की मिलीभगत से भी 86 फर्जी लाभार्थियों के खातों में पैसा जमा कराया गया। इस संबंध में 2019 में विपक्षी दल-नेता और तृणमूल की मौजूदा नेता सुजाता साहा ने प्रखंड प्रशासन और पुलिस प्रशासन से लिखित शिकायत की कि बाढ़ राहत में कई बार भ्रष्टाचार हुआ, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। उन्होंने कई बार यह भी दावा किया कि नुकसान पीड़ितों की सूची में उनके हस्ताक्षर जाली थे।

वही जयश्री कर्मकार और उनके पति बापी पाल से पूछताछ करने पर उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जबाव नहीं दिए।

इस बीच तृणमूल नेतृत्व इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से कतरा रहे है। जिला प्रवक्ता शुभमय बसु ने कहा कि वह सभी तथ्यों को जाने बिना कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, दोषी पाए जाने पर कानून और पार्टी को कार्रवाई करनी चाहिए।

उधर, भाजपा उत्तर मालदा के सांगठनिक सचिव रूपेश अग्रवाल ने कहा कि 2017 के बाढ़ राहत घोटाले से क्षेत्र में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है और भ्रष्टाचार की मुख्य नायिका जयश्री कर्मकार दिनदहाड़े इलाके में घूम रही हैं। पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। अगर जयश्री कर्माकर और उनके पति के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो हम थाने का घेराव करेंगे।

दूसरी ओर काग्रेस नेता और क्षेत्र के पूर्व विधायक मुस्तक आलम ने कहा कि सत्ताधारी दल ने 2017 के बाढ़ राहत को लेकर क्षेत्र में व्यापक भ्रष्टाचार किया है। मैंने इस संबंध में कई मामले दर्ज कराए हैं। मुझे कई बार धमकी दी जा चुकी है।

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