सुकांत मजूमदार ने कहा, तृणमूल मंत्रियों की कमर में पुलिस बांध रही रस्सी, अब दीदी की बारी
वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कहा था कि उनके कमर में रस्सी बांधूंगी। लेकिन 2022 में स्थिति उलट गयी है। एक के बाद एक तृणमूल के मंत्रियों के कमर में पुलिस रस्सी बांध रही हैं। अब दीदी की बारी है।
By Edited By: Updated: Sat, 10 Sep 2022 05:55 PM (IST)
मालदा, संवाद सूत्र। 'वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कहा था कि उनके कमर में रस्सी बांधूंगी। लेकिन 2022 में स्थिति उलट गयी है। एक के बाद एक तृणमूल के मंत्रियों के कमर में पुलिस रस्सी बांध रही हैं। अब दीदी की बारी है।' यह बातें शुक्रवार को मालदा में 'चोर धरो, जेल भरो' कार्यक्रम के तहत एक सभा में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा 13 सितंबर को महारैली निकालकर नवान्न के सामने आंदोलन करेंगे। भाजपा का 13 सितंबर को नवाना प्रचार है। इसके तहत हर जिले में कार्यक्रम चल रहा है। मालदा में भी भाजपाइयों ने डॉ. सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में रैली निकाली। यह रैली जिलाधिकारी के कार्यालय के सामने आकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने रैली को आगे जाने से रोका। इसपर आंदोलनकारियों ने पुलिस का बैरिकेड तोड़ दिया। इसे लेकर पुलिस और आंदोलनकारियों ने बीच धक्कामुक्की भी हुई।
सभा को संबोधित करते हुए डॉ. सुकांत मजूमदार ने कहा कि मौसी चोर, भतीजा चोर और कृष्णेंदु और बड़ा चोर है। बंगाल में दीदी के हर महीने एक-दो विकेट सीबीआइ और ईडी गिरा रही है। आने वाले दिनों में और भी विकेट गिरेंगे। तृणमूल के नेताओं पर अरबों रूपये बरस रहे हैं। ज्योतिप्रिय मल्लिक की बेटी ट्यूशन पढ़ाकर तीन करोड़ रूपये जमा कर लिए। 13 को सभी कोलकाता चलिए। बस किराया भाजपा देगी। इस बार दीदी के भष्ट्राचारी मंत्रियों के खिलाफ सबको उतरना होगा।
कृष्णेंदु बनर्जी ने कहा, देखना है कब किसका विकेट गिरता है
डॉ. सुकांत मजूमदार के कटाक्ष पर तृणमूल के राज्य महासचिव व इंगलिश बाजार नगरपालिका के चेयरमैन कृष्णेंदु बनर्जी ने पलटवार किया है। कहा कि सांसद दूसरों को चोर कह रहें है, क्या वह खुद न्यायाधीश हैं? चोरी साबित हो गयी? यह काम कोर्ट का है कि कौन चोर है या नहीं? हम किसी पर इसतरह आरोप नहीं लगा सकते। मुझे जितना पता है डॉ. सुकांत मजूमदार जब गौड़ बंग यूनिवर्सिटी में पढ़ाते थे तो केवल विवि प्रशासन पर दबाव बनाने की राजनीति करते थे। वहीं से वे राजनीति में यहां तक पहुंचे हैं। ज्योतिप्रिय मल्लिक की बेटी के बारे में जो बोल रहे है कि उनके पास इतना पैसा कहां से आया? क्या सांसद चार्टड एकाउंटेंट हैं? लगता है कि वें एकसाथ सब हो गए हैं। उन्हें इतना ही गलत लग रहा है, तो थाने में जाकर प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज कराते? वास्तव में सांसद ने ऐसा चश्मा पहन लिया है, जिसमें उन्हें सब कोई चोर दिखता है। वें अच्छा काम नहीं देख पा रहें है। विकास नहीं देख पा रहे हैं। हमारी न्यायपालिका में आस्था है। देख जाएगा कि किसका कब विकेट गिरता है।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।