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West Bengal: बच्चा चोर के संदेह में उत्तर प्रदेश के तीन साधुओं को ग्रामीणों ने पीटा, बरेली के रहने वाले थे तीनों संत

उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी एक वृद्ध संत व दो युवा संत खाना बनाने वाले एक व्यक्ति को लेकर किराए की गाड़ी से गंगासागर जा रहे थे तभी संतों को बच्चा चोर समझकर ग्रामीणों ने पिटाई कर उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की। मौके पर पहुंचे कुछ युवकों ने भीड़ के चंगुल से संतों को बचाया। उनके साथ मारपीट करने के बाद गाड़ी में भी तोड़फोड़ करद दी।

By Jagran News Edited By: Jeet KumarUpdated: Sat, 13 Jan 2024 02:00 AM (IST)
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बच्चा चोर के संदेह में उत्तर प्रदेश के तीन साधुओं को ग्रामीणों ने पीटा
जागरण संवाददाता, पुरुलिया। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में महाराष्ट्र पालघर की तरह एक हादसा होते-होते रह गया। यहां उत्तर प्रदेश के बरेली से गंगासागर जा रहे संतों को बच्चा चोर समझकर ग्रामीणों ने पिटाई कर उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की। मौके पर पहुंचे कुछ युवकों ने भीड़ के चंगुल से संतों को बचाया।

उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी एक वृद्ध संत व दो युवा संत खाना बनाने वाले एक व्यक्ति को लेकर किराए की गाड़ी से गंगासागर जा रहे थे। काशीपुर-बांकुड़ा सड़क होकर बांकुड़ा से गंगासागर की ओर जाना था। काशीपुर के गौरांगडी में कुछ लोगों ने दान में संतों को कुछ रुपये दिए।

कुछ लोगों ने संतों को बताया कि नजदीक के ईंट-भट्ठा मालिक के पास जाने से उन लोगों को दान में और रुपये मिल सकते हैं। इसके बाद संत ईंट-भट्ठा की ओर रवाना हो गए। सड़क पर गाड़ी रोककर वहां तीन नाबालिगों से हिंदी में पूछा, ईंट भट्ठा कहां पर है?

अफवाह फैल गई कि बच्चा चोर हैं

भाषा नहीं समझने से नाबालिग भागकर ईंट-भट्ठा की ओर चले गए। भट्ठे पर मालिक के नहीं मिलने पर संत वापस लौट गए। तब तक इलाके में अफवाह फैल गई कि बच्चा चोर हैं। सड़क पर कुछ ग्रामीणों ने गाड़ी को रोका और साधुओं को नजदीक के काली मंदिर की ओर ले गए और वहां उनके साथ मारपीट करने के बाद गाड़ी में भी तोड़फोड़ करद दी। गांव के कुछ युवकों ने किसी प्रकार संतों की जान बचाई।

पुलिस ने तीनों नाबालिग के स्वजनों से संपर्क किया

सूचना पर पहुंची पुलिस संतों को थाना लेकर आई। उसके बाद काशीपुर कल्लली ग्रामीण हास्पिटल में प्राथमिक इलाज कराया गया। पुलिस ने साधुओं के आधार कार्ड व कार चालक के ड्राइविंग लाइसेंस की जांच की, तो सही पाया गया। पुलिस ने तीनों नाबालिग के स्वजनों से संपर्क किया, लेकिन उनलोगों ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज नहीं की। वहीं, पीड़ित संतों ने भी किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

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