परेश चंद्र अधिकारी का दाग मिटाने की जिम्मेदारी सत्यजीत बर्मन पर
संवाद सूत्ररायगंजराजवंशी समुदाय का चेहरा बदल या उत्तर बंगाल के सामग्रीक कल्याण की परिकल्पना
संवाद सूत्र,रायगंज:राजवंशी समुदाय का चेहरा बदल या उत्तर बंगाल के सामग्रीक कल्याण की परिकल्पना? हेमतावाद विधायक सत्यजीत वर्मन को राज्य सरकार के मंत्री मंडल में शामिल किए जाने को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इसका जबाब या तो सत्तासीन आलाकमान दे सकती है या आने वाला वक्त। फिलहाल हेमतावाद विधानसभा क्षेत्र में आनंद और उत्सव का माहौल है, क्योंकि इस क्षेत्र से पहली बार कोई विधायक मंत्री बना है। उल्लेखनीय है कि हेमतावाद विधानसभा सीट का उदय 2011 साल में हुआ। माकपा के खगेन्द्रनाथ सिंह इस सीट से पहले विधायक चुने गए, लेकिन सूबे की सत्ता तृणमूल के हाथों खिसक जाने से उनका अस्तित्व हासिए पर आ गया। 2016 के चुनाव में यहा से माकपा के ही देवेन्द्रनाथ राय जीते और वे परवर्ती काल में भाजपा में शामिल हो गए। कुछ दिन बाद उनकी संदिग्ध हालत में मौत हो गई। भाजपा के जिला एवं प्रदेश नेतृत्व इसे ऐसा तूल पकड़ाया कि यह क्षेत्र राजनीतिक अखाड़ा के रूप में परिणत हो गया। 2021 के चुनाव में दिवंगत विधायक देवेन्द्रनाथ राय की पत्नी चंदिमा राय को भाजपा का टिकट दिया गया। इस क्षेत्र में भाजपा की लहर देख चंदिमा की जीत पक्की मानी जा रही थी, लेकिन पहलीबार चुनावी मैदान में उतरे सत्यजीत वर्मन ने ऐसा करिश्मा दिखाया कि जीत तो मिली ही वें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रियपात्र बन गए। विधायक बनते ही उन्हें तृणमूल का जिला चेयरमैन बना दिया गया और अब राज्यमंत्री का दायित्व दिया गया वो भी ऐसे समय में जब भ्रष्टाचार के आरोप में कई नेता मंत्री नप चुके हैं और उन्हें ऐसा मंत्रालय दिया गया, जिसमें सबसे अधिक कदाचार होने की चर्चा है। उन्हें स्कूल विभाग दिया गया है। अब देखना है कि भ्रष्टाचार के छींटे से दागदार परेश चंद्र अधिकारी का पद सत्यजीत वर्मन किस कायदे से निभाते हैं कि पार्टी और सरकार की बदनामी को कम कर सकते है।
कैप्शन : मंत्री सत्यजीत बर्मन