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इस्‍लामपुर को अलग जिला बनाने की मांग को लेकर निकली पदयात्रा, मिल रहा व्‍यापक समर्थन

इस्लामपुर को जिला बनाने की मांग को लेकर रेजा कमेटी के आहावान पर निकली पदयात्रा धीरे-धीरे जोर पकड़ती जा रही है। इस पदयात्रा में अब इस्लामपुर प्रखंड कांग्रेस के अध्यक्ष और समाजिक कार्यकर्ता सादिककूल इस्लाम और उनके समर्थक शामिल हो गए हैं ।

By Sumita JaiswalEdited By: Updated: Wed, 24 Aug 2022 03:31 PM (IST)
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रेजा कमेटी द्वारा निकाली जा रही पदयात्रा। जागरण फोटो।
उत्तर दिनाजपुर, रंजीत कुमार यादव। इस्लामपुर को जिला बनाने की मांग को लेकर रेजा कमेटी के आहावान पर निकली पदयात्रा धीरे-धीरे जोर पकड़ती जा रही है। इस पदयात्रा में अब इस्लामपुर प्रखंड कांग्रेस के अध्यक्ष और समाजिक कार्यकर्ता  सादिककूल इस्लाम और उनके समर्थक शामिल हो गए हैं । बुधवार को पदयात्रा इस्लामपुर से रायगंज की ओर आगे बढ़ी है । बता दें कि मंगलवार सोनापुर से निकली पदयात्रा रात को इस्लामपुर पहुंची। इस्लामपुर के पेट्रोल पंप के नजदीक ट्रांसफर एरिया ऑफ़ सुरजापुर ऑर्गेनाइजेशन के प्रवक्ता पसारूल आलम पदयात्रा में शामिल लोगों को स्वागत किया। उन्‍होंने पत्रकारों से कहा कि यह मांग काफी पुरानी है। बार-बार आंदोलन और ज्ञापन आदि के माध्यम से सरकार को इस्लामपुर को जिला बनाने की मांग की गई है, लेकिन सरकार इस और एकदम ध्यान नहीं दे रही है।

पसारूल आलम ने दावा किया कि सिर्फ राज्य में ही नहीं पूरे देश भर में अगर किसी को तुरंत जिला बनाने की जरूरत है, उसमें इस्लामपुर प्रमुख हैं। वर्तमान में उत्तर दिनाजपुर जिला मुख्यालय इस्लामपुर के सोनापुर नलबाड़ी, रायगंज आदि जगहों से 160 किलोमीटर से भी अधिक है। भौगोलिक दृष्टिकोण से भी इस्लामपुर को जिला बनाया जाना चाहिए । उन्‍होंने कहा कि पैदल यात्रा का उद्देश्‍य सरकार और मुख्यमंत्री का ध्‍यान इस्लामपुरवासियों की दुश्‍वारियों की तरफ आकृष्‍ट करना है।

बुधवार को पदयात्रा रायगंज से निकली तो कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष सादिकुल इस्लाम ने कहा कि रेजा कमेटी द्वारा इस्लामपुर को जिला बनाने की मांग को लेकर निकली पदयात्रा में वह और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्‍या में शामिल हुए हैं । उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्णिया जिला से काट कर इस इलाके को जब पश्चिम बंगाल में मिलाया गया, तब से कई संगठन इसे अलग जिला बनाने की मांग कर रहे हैं । मुख्यमंत्री ने हाल में कई नए जिला बनाने की घोषणा की, लेकिन इस्लामपुर उपेक्षित रहा। इसीलिए वह लोग आंदोलन करने पर मजबूर हुए हैं । शांतिपूर्ण आंदोलन के जरिए  राज्य सरकार वह लोग इस्लामपुर को जिला बनाने पर बाध्य करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि पदयात्रा में वह रायगंज के कर्णजोरा तक जाएंगे और डेपुटेशन देने में शामिल रहेंगे।

ज्ञात हो कि इस्लामपुर को जिला बनाने की मांग को लेकर मंगलवार रेजा कमेटी नाम की संस्था की ओर से लगभग 160 किलोमीटर लंबी पदयात्रा शुरू की गई है। यह पदयात्रा गत मंगलवार सुबह उत्तर दिनाजपुर जिले के अंतिम छोर चोपड़ा प्रखंड के सोनापुर नलबाड़ी क्षेत्र से शुरू की गई है। जो राष्ट्रीय राजमार्ग के रास्ते लगभग 160 किलोमीटर की दूरी पैदल यात्रा तय करते हुए जिला मुख्यालय रायगंज के करणजोरा तक पहुंचेगा। उसके बाद संगठन की ओर से उत्तर दिनाजपुर डीएम के मार्फत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिला बनाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा।  संगठन की ओर से संगठन के संस्थापक मसरूर आलम ने बताया कि इस मार्च में विभिन्न प्रखंडों के विभिन्न क्षेत्रों के बहुत से लोगों ने हिस्सा लिया है । मालूम हो कि ट्रांसफर एरिया को मिलाकर इस्लामपुर को जिला बनाने की मांग को लेकर विभिन्न राजनीतिक और गैरराजनीतिक संगठनों द्वारा कई दशक से मांग की जा रही है।

यहां तक ​​कि इस्लामपुर के विधायक अब्दुल करीम चौधरी ने भी इस्लामपुर को अलग जिला बनाने की मांग कई बार उठाई है। मुख्यमंत्री के सामने भी जोरदार तरीके से विधायक ने इस्लामपुर को जिला बनाने की मांग रखा।  बावजूद जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में राज्य के सात और नए जिलों के नाम की घोषणा की थी लेकिन उसमें इस्लामपुर के नाम की घोषणा नहीं हुई, इससे आम लोगों में नाराजगी है। इसलिए इस्लामपुर को जिला बनाने की मांग को लेकर विभिन्न राजनीतिक और गैर-राजनीतिक संगठनों ने एक बार फिर से अपने अपने तरीके से आंदोलन शुरू कर दिया है। 

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