बारिश से जूट के पौधे को मिली जान
-इस बार 34 हजार 552 बीघा जमीन पर हुई जूट की खेती संवाद सूत्रकालियागंजश्रावण मास की शुरुआ
By JagranEdited By: Updated: Thu, 28 Jul 2022 04:55 PM (IST)
-इस बार 34 हजार 552 बीघा जमीन पर हुई जूट की खेती
संवाद सूत्र,कालियागंज:श्रावण मास की शुरुआत में नियमित बारिश शुरू होते ही कालियागंज के जूट किसानों ने राहत की सास ली। पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण कालियागंज के सभी हिस्सों में जूट सड़ने और जूट के बीज फैलाने का काम जोर-शोर से शुरू हो गया है। इसे पहले पानी की कमी के कारण कालियागंज के अधिकाश किसान जूट को जमीन से काटने और सड़ाने का काम शुरू नहीं कर पाए। नतीजा यह हुआ कि उस जमीन में जूट काटने और अमन धान लगाने का काम बंद हो गया। बारिश नहीं होने से जूट के साथ-साथ धान रोपाई को लेकर भी किसान तनाव में थे। पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के चलते जूट काटने एवं सडाने का काम शुरू हो गया है, और धान की रोपाई में तेजी आई है। उत्तर बंगाल की सुनहरी फसल के रूप में जानी जाने वाली जूट की खेती कालियागंज में बड़े पैमाने पर होती है। इस प्रखंड के 192 मौजों में किसान जूट की खेती करते है। प्रखंड कृषि विभाग की गणना के अनुसार इस वर्ष कालियागंज प्रखंड में 4607 हेक्टेयर यानी 34 हजार 552 बीघा भूमि में जूट की खेती की गई। कृषि विभाग ने इस सीजन में कालियागंज में 60 हेक्टेयर भूमि पर जूट की खेती के लिए अनुदान के रूप में किसानों को सहायता प्रदान की है। इस साल जूट की खेती के मौसम के दौरान कालियागंज में मूसलाधार बारिश नही हुई थी। इससे जूट की खेती पर प्रतिकूल असर पड़ा है। क्योकि जूट कटाई के मौसम में भी बारिश के पानी की कमी होने से जुट किसान मायूस थे। वर्तमान में हो रही बारिश से किसानों को जुट सड़ाने एवं धान रोपाई को लेकर कुछ हद तक राहत मिली। कैप्शन : पानी में जूट को सड़ाते कृषक
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