America China Relations: अमेरिका ने की चीन की निंदा, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई का किया आह्वान
अमेरिका ने चीन की सख्त निंदा करते हुए स्वतंत्र पत्रकार और महिला अधिकार कार्यकर्ता हुआंग ज़ुएकिन (सोफिया हुआंग) के साथ ही श्रम अधिकार कार्यकर्ता वांग जियानबिंग को तुरंत रिहा करने की बात कही है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि चीन की इस तरह की बातें नागरिकों को डराने और चुप कराने के लगातार प्रयासों को दिखाता है।
एएनआई, वाशिंगटन, डीसी (अमेरिका)। अमेरिका ने स्वतंत्र पत्रकार और महिला अधिकार कार्यकर्ता हुआंग ज़ुएकिन (सोफिया हुआंग) के साथ ही श्रम अधिकार कार्यकर्ता वांग जियानबिंग को दी गई अन्यायपूर्ण सजा की निंदा की और बीजिंग से दोनों कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करने की अपील की है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक बयान में कहा, हम पीआरसी से हुआंग और वांग के साथ-साथ उनकी मौलिक स्वतंत्रता का प्रयोग करने के लिए अन्यायपूर्ण तरीके से हिरासत में लिए गए अन्य व्यक्तियों को तुरंत रिहा करने का आग्रह करते हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक बयान में कहा, हम पीआरसी से आग्रह करते हैं कि वह हुआंग और वांग को तुरंत रिहा करे, साथ ही उन अन्य व्यक्तियों को भी रिहा करे जिन्हें अपनी मौलिक स्वतंत्रता का प्रयोग करने के लिए अन्यायपूर्ण तरीके से हिरासत में लिया गया है।
मैथ्यू ने आगे कहा कि चीन की इस तरह की बातें नागरिकों को डराने और चुप कराने के लगातार प्रयासों को दिखाता है।
इसके साथ ही अमेरिकी विदेश विभाग ने चीन से अभिव्यक्ति और निष्पक्ष न्याय जैसी स्वतंत्रता सहित मानवाधिकारों का सम्मान करने के अपने वादों को कायम रखने का आग्रह किया।
लबी प्री ट्रायल की हिरासत के बाद सुनाई सजा
चीन की सरकार ने लंबी प्री-ट्रायल हिरासत और पत्रकारों या जनता के लिए बंद एक गुप्त मुकदमे के बाद हुआंग को पांच साल की कैद और वांग को तीन साल और छह महीने की कैद की सजा सुनाई।
इसके अलावा, अमेरिकी विदेश विभाग ने चीन से मानवाधिकारों का सम्मान करने के अपने वादों को कायम रखने का आग्रह किया, जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निष्पक्ष सुनवाई की गारंटी शामिल है।बयान में कहा गया कि हम पीआरसी से अपनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निष्पक्ष सुनवाई की गारंटी सहित सभी व्यक्तियों के मानवाधिकारों का सम्मान करने का आह्वान करते हैं।