अमेरिका, जापान व दक्षिण कोरिया मिलकर करेंगे चीन का मुकाबला, सैन्य-आर्थिक संबंध होंगे और भी मजबूत
अमेरिका ने चीन के खतरनाक और आक्रामक व्यवहार का जापान और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर मुकाबले का एलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कैंप डेविड स्थित अपने आधिकारिक रिजार्ट में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल व जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा के साथ चर्चा कर चीन के विरुद्ध गठजोड़ का एलान किया। साथ ही उन्होंने चीन की आक्रामक गतिविधियों की निंदा की।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sun, 20 Aug 2023 06:39 AM (IST)
वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका ने चीन के खतरनाक और आक्रामक व्यवहार का जापान और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर मुकाबले का एलान किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कैंप डेविड स्थित अपने आधिकारिक रिजार्ट में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल व जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा के साथ चर्चा कर चीन के विरुद्ध गठजोड़ का एलान किया। तीनों देशों ने अपने सैन्य और आर्थिक संबंधों को और ज्यादा प्रगाढ़ करने पर सहमति जताई।
चीन की आक्रामक गतिविधियों की निंदा की
अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने दक्षिण चीन सागर और अन्य क्षेत्रों में चीन की आक्रामक गतिविधियों की निंदा की। साथ ही चीन के दावे वाले दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र आवागमन जारी रखने के लिए मिलकर कार्य करने का एलान किया। तीनों नेताओं की बैठक में उत्तर कोरिया की ओर से पैदा हो रही परमाणु हमले की चुनौती की भी चर्चा हुई।दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका को मानता है दुश्मन
परमाणु हथियार संपन्न उत्तर कोरिया दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका को अपना दुश्मन मानता है। इन देशों से मुकाबले के लिए वह दशकों से तैयारी कर रहा है। इसमें उसे चीन का सहयोग मिल रहा है।
बैठक के बाद जारी किया संयुक्त बयान
साथ ही उत्तर कोरिया के मिसाइल लांच की सूचना को अविलंब साझा करने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के बीच द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध हैं।बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि क्षेत्रीय चुनौतियों और उनसे निपटने के उपायों पर तीनों देश आपस में नियमित रूप से चर्चा करेंगे। वे क्षेत्र में पैदा हो रही चुनौतियों, उकसावे वाली कार्रवाइयों और खतरों से मिलकर निपटेंगे। तीनों देशों ने क्षेत्र में सैन्य अभ्यासों की संख्या और उनका आकार बढ़ाए जाने पर भी सहमति जताई है।