अमेरिका ने भारत के साथ मानवाधिकार संबंधी चिंताओं को उठाने की बात कही, विदेश मंत्रालय ने दिया दो टूक जवाब
अमेरिका ने G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले कहा है कि वह अतीत में भारत के साथ मानवाधिकार संबंधी चिंताओं को उठाता रहा है और भविष्य में भी ऐसा करेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अगले महीने नई दिल्ली आ रहे हैं लेकिन इससे पहले वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने मानवाधिकारों का मुद्दा उठाया है।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Tue, 08 Aug 2023 11:29 AM (IST)
वॉशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका ने G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले कहा है कि वह अतीत में भारत के साथ मानवाधिकार संबंधी चिंताओं को उठाता रहा है और भविष्य में भी ऐसा करेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अगले महीने नई दिल्ली आ रहे हैं, लेकिन इससे पहले वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने अतीत में नियमित रूप से भारत के साथ मानवाधिकारों का मुद्दा उठाया है और भविष्य में भी ऐसा करेगा।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार अपनी दैनिक प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया से कहा, "हम नियमित रूप से उन देशों के साथ मानवाधिकार संबंधी चिंताओं को उठाते हैं जिनके साथ हम जुड़ते हैं, हमने ऐसा पहले भी भारत के साथ किया है और हम भविष्य में भी ऐसा करेंगे।"
ईसाई उत्पीड़न के बारे में पूछेंगे?
मिलर इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या राष्ट्रपति बाइडेन सितंबर में अपनी आगामी दिल्ली यात्रा के दौरान भारत से देश में कथित ईसाई उत्पीड़न के बारे में पूछेंगे। मिलर ने कहा, "हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम ईसाइयों के उत्पीड़न का विरोध करते हैं और हम किसी भी धार्मिक समूह के उत्पीड़न का विरोध करते हैं, चाहे वह दुनिया में कहीं भी हो।"भारत का दो टूक जवाब
भारत इससे पहले ऐसे आरोपों को गलत सूचना और गलत समझ पर आधारित बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मई में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों पर हमले पर अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा, "कुछ अमेरिकी अधिकारियों द्वारा प्रेरित और पक्षपातपूर्ण टिप्पणी केवल इन रिपोर्टों की विश्वसनीयता को कम करने का काम करती है।"रिपोर्ट पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बागची ने कहा, "हम अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी को महत्व देते हैं और हम चिंता के मुद्दों पर खुलकर बातचीत करना जारी रखेंगे।"