Semiconductor Technology: अमेरिका चीन को नहीं देगा सेमी कंडक्टर की अति संवेदनशील तकनीक, तय की नई सीमा
अमेरिका ने चीन को दी जाने वाली सेमीकंडक्टर टेक्नोलाजी की नई सीमा तय कर दी है। अब अमेरिका की अति संवेदनशील स्तर वाली तकनीक चीन को नहीं दी जाएगी। इससे सुपर कंप्यूटर के जरिये चीन के हथियारों के नियंत्रण के कार्य में बाधा आएगी।
By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Sat, 08 Oct 2022 04:30 AM (IST)
न्यूयार्क, एजेंसियां: अमेरिका ने चीन को दी जाने वाली सेमीकंडक्टर टेक्नोलाजी की नई सीमा तय कर दी है। अब अमेरिका की अति संवेदनशील स्तर वाली तकनीक चीन को नहीं दी जाएगी। इससे सुपर कंप्यूटर के जरिये चीन के हथियारों के नियंत्रण के कार्य में बाधा आएगी। बाइडन प्रशासन के ताजा फैसले से उच्च तकनीक के इस्तेमाल से होने वाले चीन के कई कार्यों में बाधा आएगी। इससे चीन का अत्याधुनिक हथियारों और मिसाइलों के विकास का कार्यक्रम धीमा पड़ सकता है। साथ ही अंतरिक्ष के लिए हो रहे उसके शोध कार्यों में बाधा आ सकती है। बाइडन प्रशासन के इस फैसले को अमेरिका और चीन के बीच तकनीक क्षेत्र के अघोषित युद्ध की शुरुआत माना जा रहा है जिसमें फिलहाल अमेरिका को बढ़त हासिल है।
बिना लाइसेंस सप्लाई पर लगी रोक
वहीं, अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने शुक्रवार को अमेरिकी कंपनियों को बिना लाइसेंस के किसी भी चीनी कंपनी को चिप उपकरण भेजने से रोक दिया। यह आदेश तत्काल तौर पर प्रभावी हो गया है। प्रतिबंध अमेरिकी निर्मित इलेक्ट्रॉनिक्स भागों या अन्य वस्तुओं के शिपमेंट पर लागू होंगे जिनका उपयोग चीन अपने स्वयं के चिपमेकिंग उपकरण और उपकरण बनाने के लिए कर सकता है। वाणिज्य विभाग ने तथाकथित विदेशी प्रत्यक्ष उत्पाद नियम को भी कड़ा कर दिया ताकि सुपर कंप्यूटर और कृत्रिम बुद्धि अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाने वाले अत्याधुनिक चिप्स प्राप्त करने या बनाने की चीन की क्षमता को प्रतिबंधित किया जा सके। ये प्रतिबंध वैश्विक चिप निर्माताओं पर भी लागू होंगे, जिनमें दक्षिण कोरिया के सैमसंग और ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी शामिल हैं, जिनका निर्माण अमेरिकी तकनीकों पर निर्भर करता है।