Artemis-1 mission overview: चांद पर दोबारा मानव मिशन भेजने के लिहाज से बेहद खास है ये लान्च, पढ़ें- इस मिशन से जुड़ी खास बातें
नासा आज जिस Artemis-1 मिशन को लान्च करने वाला है उसके बेहद खास मायने हैं। ये मिशन चांद पर दोबारा इंसान को भेजने में सहायक साबित होगा। 42 दिन के बाद इसकी धरती पर वापसी के साथ ये मिशन खत्म हो जाएगा।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 29 Aug 2022 10:29 AM (IST)
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। नासा आज अपने शक्तिशाली SLS (Space Launch System) के जरिए Orian spacecraft को लान्च करने वाला है। नासा इसके जरिए Artemis 1 मिशन की शुरुआत कर रहा है। इस लान्च को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसे फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस स्टेशन के लान्च पैड 39बी (Kennady Space Center Launch Pad 39B) से स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 8:33 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 5-6 बजे के बीच ) लान्च किया जाएगा। एसएलएस अमेरिका का सबसे शक्तिशाली राकेट है।
ये लान्च इसलिए बेहद खास है क्योंकि ये भविष्य में चांद पर भेजे जाने वाले मानव मिशन के लिए एक टेस्ट फ्लाइट है। आने वाले समय में नासा पहली महिला को चांद की धरती पर भेजेगा। ये मिशन नासा के डीप स्पेस एक्सप्लोरेशन का हिस्सा है। नासा अपनी वेबसाइट और ऐप पर भी इस लान्च की लाइव स्ट्रीमिंग करेगा। इस लान्च को देखने के लिए करीब 2 लाख लोगों के जुटने की संभावना है। विदेशों से भी इसको देखने के लिए लोग फ्लोरिडा पहुंचे हैं। आईये जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें।
- मिशन की अवधि: 42 दिन, 3 घंटे और 20 मिनट की है।
- मिशन की दूरी: इस दौरान 13 लाख मील (12 लाख किमी) की दूरी तय की जाएगी।
- मिशन पूरा करने के बाद 10 अक्टूबर 2022 को ये ये कैप्सूल सेन डियागो के तट पर भूमध्य सागर में गिरेगा।
- वापसी के दौरान इसकी स्पीड करीब 25 हजार मीटर प्रति घंटे (40 हजार किमी प्रति घंटे) की होगी।
- ये मिशन दुनिया के सबसे शक्तिशाली राकेट के साथ पूरा किया जाएगा।
- इस पूरे मिशन के दौरान धरती से करीब 2.80 मील (4.50 लाख किमी) की की दूरी तय की जाएगी।
- ये मिशन चांद के उस अंधेरे हिस्से से होकर गुजरेगा जो आज तक एक रहस्य बना हुआ है। ये से इसकी डेस्टिनेशन की दूरी 64 हजार किमी की होगी।
- इस पूरे मिशन के दौरान Orion Spacecraft बिना स्पेस स्टेशन से अटैच हुए घूमता रहेगा।
- इस राकेट में लगे solid rocket booster लान्च के करीब दो मिनट बाद ही इससे अलग हो जाएंगे। इसके 8 मिनट बाद Core stage और RS25 इंजन इससे अलग हो जाएगा।
- Interim cryogenic propulsion stage के जरिए ये आगे चांद तक की दूरी तय करेगा। यही इसको धरती की कक्षा से बाहर ले जाने और चांद तक आगे धकेलने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
- लान्च के करीब 2 घंटे बाद Orion ICPS से अलग हो जाएगा। ICPS इसके फौरन बाद 10 छोटे सैटेलाइट्स जिन्हें CubeSats के नाम से जाना जाता है को डिप्लाए कर देगा। ये सभी सैटेलाइट चांद के अध्ययन में बड़ी भूमिका निभाएंगे।
- Orion चांद पर
- इस राकेट को 14 जंबो विमान के इंजन के बराबर थर्स्ट मिलेगा जिससे ये तेजी से अंतरिक्ष की तरफ आगे बढ़ेगा।