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'भारत-अमेरिका के बीच साझेदारी कभी इतनी गतिशील नहीं रही', एंटनी ब्लिंकन ने दोनों देशों के संबंधों को सराहा

भारत द्वारा हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी के कुछ दिनों बाद ही अमेरिकी विदेश मंत्री ने तारीफ की है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के आपसी सहयोगों से दोनों देशों को लाभ होगा। उन्होंने दोनों देशों के संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी कभी भी इतनी अधिक गतिशील नहीं रही है।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 14 Sep 2023 07:04 AM (IST)
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अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत और अमेरिका के बीच सहयोगों की तारीफ की है। (फोटो- एएनआई)
वाशिंगटन, पीटीआई। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत और अमेरिका के बीच सहयोगों की तारीफ की है। विदेश मंत्री ब्लिंकन ने बुधवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी कभी इतनी गतिशील नहीं रही, जितनी अभी है।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारतीय संबंधों को सराहा

भारत द्वारा हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी के कुछ दिनों बाद ही अमेरिकी विदेश मंत्री ने तारीफ की है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के आपसी सहयोगों से दोनों देशों को लाभ होगा।  

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एंटनी ब्लिंकन ने नए युग में अमेरिकी कूटनीति की शक्ति और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा,

अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी कभी भी इतनी अधिक गतिशील नहीं रही है। हम एडवांस सेमीकंडक्टर से लेकर रक्षा सहयोग तक हर चीज साथ काम करते हैं।

एंटनी ब्लिंकन ने की क्वाड की तारीफ

अमेरिकी विदेश मंत्री ने क्वाड की तारीफ में कहा कि बाइडन प्रशासन ने भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के सहयोग से क्वाड साझेदारी को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि इसे बढ़ाने के पीछे की वजह है कि हम सब साथ मिलकर दुनिया में आने वाले चुनौतियों से लड़ सके। उन्होंने कहा कि समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और जलवायु चुनौतियों से निपटने तक हर चीज पर काम किया जाएगा।

कई देशों को एक साथ लाएगा आर्थिक कॉरिडोर

एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि पिछले हफ्ते जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति बाइडन और भारतीय पीएम मोदी ने एक महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी परिवहन, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी कॉरिडोर की घोषणा की है। ये कॉरिडोर एशिया, मिडिल ईस्ट और यूरोप को एक साथ जोड़ेगा।

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उन्होंने कहा कि हम (अमेरिका) भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के साथ मिलकर स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगे। साथ ही इसके तहत पूरे क्षेत्र में महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूती प्रदान करेंगे।