पृथ्वी के बेहद करीब दिखा Black Hole, देखें सूर्य से 10 गुना अधिक विशाल ब्लैक होल की तस्वीर
खगोल वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के सबसे निकट ब्लैक होल की खोज की है। ये सूर्य से 10 गुना अधिक विशाल है। हमारी आकशगंगा में लगभग 10 मिलियन से एक बिलियन ब्लैक होल मौजूद हैं। इनका निर्माण कई तारों के टूटने से होता है।
By Nidhi AvinashEdited By: Updated: Sat, 05 Nov 2022 10:56 AM (IST)
केप कैनावेरल, एपी। खगोल वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के सबसे निकट ब्लैक होल (Black Hole) की खोज की है। ये पृथ्वी से केवल 1,600 प्रकाश वर्ष दूर है। वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को बताया कि यह ब्लैक होल हमारे सूर्य से 10 गुना अधिक विशाल है और यह पिछले रिकॉर्ड धारक की तुलना में तीन गुना करीब है।
ब्लैक होल की पहचान अपने जोड़ी तारे की गति को देखकर की गई। बता दें कि ये तारा ब्लैक होल की परिक्रमा उसी दूरी पर करता है, जितनी पृथ्वी, सूर्य की परिक्रमा करती है। हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के करीम अल-बद्री ने कहा कि ब्लैक होल की पहचान शुरू में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के गैया अंतरिक्ष यान का उपयोग करके की गई थी।
क्या है ब्लैक होल (Black Hole)
ब्लैक होल अंतरिक्ष में एक ऐसी जगह है जहां गुरुत्वाकर्षण इतना अधिक खींचता है कि रोशनी भी बाहर नहीं निकल पाता है। ब्लैक होल को देखा नहीं जा सकता क्योंकि वह अदृश्य होते हैं। इन्हें विशेष उपकरणों जैसे स्पेस टेलीस्कोप के द्वारा पता लगाया जा सकता है। ब्लैक होल, एक बड़े तारे के अवशेषों से बनते हैं लेकिन इनके बनते ही ये सुपरनोवा विस्फोट में नष्ट हो जाते हैं।
पहला ब्लैक होल कब दिखा था?
नासा की वेबसाइट के मुताबिक, दुनिया का सबसे पहला ब्लैक होल 1964 में सिग्नस, स्वान के नक्षत्र में आकाशगंगा के भीतर पाया गया था जिसका नाम सिग्नस X-1 था। बताते चले की हमारी आकशगंगा में लगभग 10 मिलियन से एक बिलियन ब्लैक होल मौजूद हैं। इनका निर्माण कई तारों के टूटने से होता है।India Russia Relations: व्लादिमीर पुतिन ने फिर से की भारत की तारीफ, भारतीयों को बताया प्रतिभावान