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Baltimore Bridge Collapse: बाल्टीमोर ब्रिज हादसे के 50 दिन बाद भी शिप पर फंसे हैं 20 भारतीय, जानिए क्या है वजह

Baltimore Bridge Collapse बाल्टीमोर में ब्रिज गिरने के बाद अभी भी जहाज वहीं फंसा हुआ है। जहाज के साथ साथ शिप के क्रू मेंबर भी जहाज पर फंसे हुए हैं। इस क्रू मेंबर में 20 भारतीय और एक श्रीलंका का नागरिक है। बाल्टीमोर में पताप्सको नदी पर बना 2.6 किलोमीटर लंबा ‘फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज’ एक मालवाहक जहाज के पुल से टकराने के कारण ढह गया था।

By Versha Singh Edited By: Versha Singh Updated: Thu, 16 May 2024 10:40 AM (IST)
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Baltimore Bridge Collapse: बाल्टीमोर ब्रिज हादसे के 50 दिन बाद भी शिप पर फंसे हैं 20 भारतीय
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के बाल्टीमोर में इसी साल 26 मार्च को एक पुल हादसा हुआ था। इस हादसे के बाद अभी भी जहाज के चालक दल वहीं फंसे हुए हैं। बता दें कि हादसे में बाल्टीमोर में पताप्सको नदी पर बना 2.6 किलोमीटर लंबा ‘फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज’ उस समय ढह गया था जब श्रीलंका जा रहा सिंगापुर के झंडे वाला 984 फुट लंबा मालवाहक जहाज पुल के एक खंभे से टकरा गया।

इस भीषण हादसे में छह लोगों की मौत हुई है। इस पोत पर सवार चालक दल के सदस्यों में 20 भारतीय और एक श्रीलंकाई नागरिक है। दुर्घटना के बाद से ही चालक दल उसी पोत पर है और जांच में सहयोग कर रहा है।

मलबे के कारण अभी भी फंसा जहाज

अमेरिका का संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) इस घटना की जांच कर रहा है। क्रू सदस्यों को मुक्त कराने के प्रयास में पुल के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया गया है। बता दें कि घटना के बाद मलबे में शिप फंस गया था और भारी दबाव के कारण जहाज में फंसे लोगों को निकालने में परेशानी आ रही थी। अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे चालक दल को मीलों दूर अपने परिवारों के साथ फिर से पहुंचने में मदद मिलेगी। ये लोग जहाज पर ही रुके हैं क्योंकि जहाज अभी भी पुल के मलबे के चलते फंसा है।

अब, मंगलवार को जारी संघीय जांचकर्ताओं की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि आपदा से पहले 'द डाली' को दो बार बिजली कटौती का सामना करना पड़ा था। राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) की रिपोर्ट में बाल्टीमोर छोड़ने से लगभग दस घंटे पहले दो ब्लैकआउट का भी विवरण दिया गया है।

भारतीय चालक दल के सदस्य फंसे जहाज पर

बता दें कि वीजा प्रतिबंधों और एनटीएसबी और एफबीआई की जांच के कारण चालक दल जहाज से उतरने में असमर्थ है। दुर्घटनाग्रस्त कार्गो जहाज का नाम 'द डाली' है। द डाली के मालिक ग्रेस ओसियन प्राइवेट लिमिटेड के प्रवक्ता जिम लॉरेंस ने हाल ही में आईएएनएस को बताया कि भारतीय चालक दल के सदस्य जहाज पर हैं और अच्छी स्थिति में हैं।

लॉरेंस ने कहा, "जहाज पर सामान्य कार्य करने के अलावा, वे जांच और चल रहे बचाव कार्य में भी सहायता कर रहे हैं।"

अप्रैल में, एफबीआई ने जहाज को निशाना बनाते हुए एक आपराधिक जांच शुरू की, जिसके एजेंट जांच के हिस्से के रूप में द डाली पर सवार हुए। बाल्टीमोर इंटरनेशनल सीफर्स सेंटर के कार्यकारी निदेशक रेव जोशुआ मेसिक ने पीटीआई को बताया कि चालक दल का बाहरी दुनिया से संपर्क लगभग बंद हो गया है क्योंकि जांच के तहत एफबीआई ने उनके सेलफोन जब्त कर लिए हैं।

बिना सिम कार्ड और डेटा के दिए गए फोन

मेसिक ने बीबीसी को बताया कि चालक दल को डेटा शामिल किए बिना सिम कार्ड और अस्थायी सेल फोन दिए गए हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें विभिन्न सामुदायिक समूहों से देखभाल पैकेज भी मिले - जिसमें भारतीय नाश्ता और भोजन भी शामिल था।

एनटीएसबी ने कहा कि डाली पुल से सिर्फ 0.6 मील की दूरी पर थी जब बिजली के ब्रेकर जो जहाज के अधिकांश उपकरणों और प्रकाश व्यवस्था को संचालित करते थे, अप्रत्याशित रूप से बंद हो गए, जिससे पहला ब्लैकआउट हुआ। इसने प्रणोदन और संचालन (propulsion and steering) खो दिया और दिशा से भटकने लगा। चालक दल थोड़ी देर के लिए बिजली बहाल करने में कामयाब रहा, लेकिन जब डाली पुल से केवल 0.2 मील दूर थी, तो रोशनी फिर से बंद हो गई।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने पिछले महीने पुल के पुनर्निर्माण का वादा किया था और कहा था कि शिपिंग यातायात के लिए एक नया चैनल मई के अंत तक खुल जाएगा।

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