Move to Jagran APP

'हम सरकारी पैसों से चलने वाली मीडिया नहीं', Twitter के लेबल पर BBC का आया जवाब

BBC Twitter Gold Tick बीबीसी के ट्विटर हैंडल को सरकारी पैसों से चलने वाली मीडिया का लेबल दिए जाने के बाद बाद से बवाल मच गया है। इस लेबल के बाद बीबीसी का भी बयान सामने आया है।

By Mahen KhannaEdited By: Mahen KhannaUpdated: Mon, 10 Apr 2023 02:12 PM (IST)
Hero Image
BBC Response to Twitter label We are not government-funded media
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। BBC Twitter Gold Tick सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर द्वारा आज किए गए एक बदलाव से ब्रिटेन के राष्ट्रीय प्रसारक बीबीसी पर कई सवाल उठ गए हैं। दरअसल, ट्विटर ने बीबीसी के ट्विटर हैंडल पर उसे सरकारी पैसों से चलने वाली मीडिया का लेबल दे दिया है, जिसके बाद से बवाल मच गया है। इस लेबल के बाद बीबीसी का भी बयान सामने आया है।

बीबीसी बोला- हम स्वतंत्र

सरकारी पैसों से चलने का लेबल मिलने के बाद बीबीसी ने बयान जारी कर ट्विटर के इस कदम का विरोध किया है। बीबीसी ने कहा कि हम हमेशा से स्वतंत्र रहे हैं और आगे भी इसी तरीके से काम करना जारी रखेंगे। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर ने कहा कि हम लेबल को लेकर एलन मस्क के सवामित्व वाले ट्विटर से बात कर रहे हैं और जल्द ही इसको लेकर हल निकाल लिया जाएगा।

जनता द्वारा वित्त पोषित है हम- बीबीसी 

बीबीसी ने आगे कहा कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर हमेशा स्वतंत्र रहा है और लाइसेंस शुल्क के माध्यम से जनता द्वारा वित्त पोषित है। ब्रॉडकास्टर ने कहा, ''हम स्वतंत्र संपादकीय और रचनात्मक फैसले लेते हैं। बीबीसी मुख्य रूप से यूके के परिवारों द्वारा लाइसेंस शुल्क के माध्यम से वित्त पोषित है, जो गैर-बीबीसी चैनल या लाइव सेवाओं को देखने के लिए भी आवश्यक है। यह वाणिज्यिक संचालन से आय द्वारा पूरक है।

दूसरी ओर ट्विटर द्वारा अभी केवल बीसीसी के मुख्य खाते को ''सरकार द्वारा वित्त पोषित मीडिया'' के रूप में लेबल किया गया है, जबकि बीबीसी न्यूज (वर्ल्ड) और बीबीसी स्पोर्ट्स, बीबीसी वर्ल्ड और यहां तक ​​कि बीबीसी न्यू हिंदी जैसी सहायक कंपनियों को ट्विटर पर "आधिकारिक संगठन" के रूप में दिखाया गया है।

अमेरिकी रेडियो नेटवर्क को भी दिया लेबल

बता दें कि बीबीसी से पहले ट्विटर ने अमेरिकी रेडियो नेटवर्क NPR को गवर्नमेंट फंडेड बताया था। ट्विटर के लेबल के बाद व्हाइट हाउस की भी प्रतिक्रिया आई। प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा, "एनपीआर के पत्रकारों की स्वतंत्रता में कोई संदेह नहीं है।"