अमेरिका ने रूस को लेकर दी चीन को दी सीधी चेतावनी, बाली के बाद पहली बार मिले ब्लिंकन और वांग
अमेरिका और चीन विदेश मंत्री ने बाली के बाद पहली बार न्यूयार्क में यूएनजीए से इतर वार्ता की। इसमें अमेरिका ने चीन से शांति बरतने और बातचीत जारी रखने की अपील की। साथ ही रूस का साथ न देने के लिए भी चेतावनी दी है।
By JagranEdited By: Kamal VermaUpdated: Sun, 25 Sep 2022 02:45 PM (IST)
न्यूयार्क (एजेंसी)। ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका के रुख से सख्त नाराज चीन को मनाने के लिए अब अमेरिका ने कूटनीति का सहारा लिया है। इसके तहत अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दोनों देशों के बीच बातचीत को तरजीह दिए जाने और शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने चीन के विदेश मेंत्री वांग यी से भी इस संबंध में मुलाकात की और ताइवान के मुद्दे पर बड़ा दिल दिखाने और शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने इस दौरान ये भी कहा कि दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की सख्त जरूरत है।
ताइवान के इर्द-गिर्द हुई वार्ता
ब्लिंकन और वांग के बीच इस दौरान करीब 3 घंटे बातचीत हुई। ये बातचीत मुख्य रूप से ताइवान के इर्दगिर्द थी। इसके अलावा अमेरिका चीन संबंधों में नरमी लाने के प्रयास करने को लेकर भी ये बातचीत हुई थी। आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की 77वीं महासभा बैठक में भाग लेने के लिए दोनों ही नेता पिछले दिनों न्यूयार्क में थे। इन दोनों के बीच ये मुलाकात यूएनजीए से अलग हुई थी। बातचीत के बाद अधिकारी ने बताया कि ये बातचीत पूरी तरह से ताइवान के मुद्दे पर थी। अमेरिकी अधिकारी ने ये भी बताया कि अमेरिका क्षेत्र में शांति बनाए रखने के हित में है। इसके लिए बातचीत जरूरी है।
अमेरिका की अपील
बातचीत के दौरान ब्लिंकन ने कहा कि ताइवान स्ट्रेट में छाई अशांति का असर विश्व पर पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि शांत रहते हुए बातचीत के जरिए विवादों को सुलझाया जाए। उन्होंने ये भी कहा कि किसी भी तरह का तनाव विश्व सुरक्षा और शांति के लिए महंगा साबित हो सकता है। ब्लिंकन ने वांग के समक्ष साफ शब्दों में कहा है कि अमेरिका किसी भी मुद्दे पर बातचीत को तैयार है। ये न केवल चीन से संबंधों को सुधारने में हितकारी साबित होगी बल्कि चीन के लिए भी सही होगा।
रूस के लिए दी चीन को चेतावनी
इस बातचीत के दौरान ब्लिंकन ने चीन के रूस के प्रति नरम रुख के लिए भी आगाह किया। ब्लिंकन ने वांग को इस बारे में चेतावनी स्वरूप कहा कि वो रूस को समर्थन देना बंद करे। उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन रूस से दूरी बनाकर रखेगा। गौरतलब है कि जुलाई 2022 में बाली में हुई मुलाकात के बाद दोनों नेताओं की ये पहली मुलाकात थी।(ताइपे टाइम्स की खबर के अनुसार)