अमेरिका में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज को मंजूरी, कमजोर इम्यूनिटी वालों को लगेगी थर्ड डोज
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने फाइजर (Pfizer) और मॉडर्ना (Moderna) के बूस्टर डोज (Booster Dose) को लोगों को लगाने की अनुमति दी है। अमेरिका में वैक्सीन की तीसरी डोज उन लोगों को लगाई जाएगी जिनकी इम्यूनिटी थोड़ी कमजोर है।
By Shashank PandeyEdited By: Updated: Fri, 13 Aug 2021 11:44 AM (IST)
वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाने को मंजूरी मिल गई है। अमेरिका में कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को वैक्सीन की तीसरी यानि बूस्टर डोज लगाई जाएगी। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने मॉडर्ना(Moderna) और फाइजर(Pfizer) वैक्सीन की तीसरी डोज के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इन वैक्सीन की तीसरी डोज उन लोगों को लगाई जाएगी जिनका प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर है। कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते खतरे के मद्देनजर इजरायल और जर्मनी जैसे कुछ अन्य देशों ने लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज लगाने की योजना बनाई और फिर वैक्सीन की तीसरी डोज लगाना शुरू कर दिया है। इसका मकसद आने वाले समय में कोरोना महामारी की एक और बड़ी आपादा से बचना है।
अमेरिका के कार्यवाहक एफडीए आयुक्त जेनेट वुडकॉक ने गुरुवार देर रात को एक बयान जारी करते हुए कहा कि देश ने अभी कोरोना महामारी की एक और लहर में प्रवेश किया है, और FDA विशेष रूप से संज्ञान में है कि प्रतिरक्षित लोगों को विशेष रूप से गंभीर बीमारी का खतरा है। उपलब्ध आंकड़ों की गहन समीक्षा के बाद FDA ने निर्धारित किया कि यह छोटा, कमजोर समूह फाइजर-बायोएनटेक या मॉडर्न वैक्सीन की तीसरी डोज से फायदा पा सकता है। अमेरिकी हेल्थ रेगुलेटर ने गुरुवार को कुछ लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज के लिए अनुमति देने के लिए ‘इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन’ में संशोधन किया। इसमें अंग प्रत्यारोपण कराने वाले लोगों और उन लोगों की स्थितियों को शामिल किया गया, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है।
फाइजर ने एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के दौरान 96 फीसदी तक असरदार रहने वाली डोज चार महीने में घटकर 84 फीसदी पर आ जाती है। मॉडर्ना ने भी कहा है कि बूस्टर डोज की जरूरत है। खासकर जब से डेल्टा वैरिएंट फुली वैक्सीनेटेड लोगों को संक्रमित कर रहा है।
डेल्टा वैरिएंट की वजह से बढ़े कोरोना के मामलेविश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पिछले हफ्ते कम से कम सितंबर के अंत तक वैक्सीन की बूस्टर डोज पर रोक लगाने की बात कही थी। डेल्टा वैरिएंट की वजह से अमेरिका में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और आलम ये है कि छह महीने से अधिक समय बाद ये अपने पीक पर पहुंच गए हैं।