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पूर्व राष्ट्रपति बोल्सनारो के खिलाफ दंगों के मामले में होगी जांच, ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने जताई सहमति

पूर्व राष्ट्रपति बोल्सनारो के खिलाफ दंगों के मामले में होगी जांचब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को राजधानी ब्रासीलिया में उनके हजारों कट्टरपंथी समर्थकों द्वारा किए गए दंगों की जांच में बोल्सनारो को शामिल करने पर सहमति व्यक्त की है।

By Preeti GuptaEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sat, 14 Jan 2023 11:15 AM (IST)
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पूर्व राष्ट्रपति बोल्सनारो के खिलाफ दंगों के मामले में होगी जांच
ब्रसीलिया (आईएएनएस)। ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सनारो को देश में हुए दंगों की जांच का सामना करना होगा। ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को राजधानी ब्रासीलिया में उनके हजारों कट्टरपंथी समर्थकों द्वारा किए गए दंगों की जांच में बोल्सनारो को शामिल करने पर सहमति व्यक्त की है। यह पहली बार है कि बोल्सनारो का नाम सुप्रीम कोर्ट, संसद और राष्ट्रपति भवन पर हमले के संभावित जिम्मेदार लोगों में शामिल किया गया है।

चुनाव की वैधता पर उठाया सवाल

बता दें कि बोल्सनारो ने 31 अक्टूबर, 2022 के राष्ट्रपति चुनाव की वैधता पर सवाल उठाते हुए एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसे उनके प्रतिद्वंद्वी लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ने बहुत कम अंतर से जीता था। उसमें दक्षिणपंथी पूर्व राष्ट्रपति ने दावा किया कि लूला को इस पद के लिए मतदान के माध्यम से नहीं, बल्कि सर्वोच्च न्यायालय व देश के चुनावी प्राधिकरण द्वारा चुना गया है।

लोगों को अपराध के लिए उकसाया

इसके बाद, अभियोजकों ने कहा कि हो सकता है किजेयर बोल्सनारो ने इस तरह के दावे करके लोगों को अपराध के लिए उकसाया हो। उन्होंने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बोल्सनारो को जांच में शामिल करने की मांग की। हालांकि वीडियो को दंगों के बाद पोस्ट किया गया था और बाद में डिलीट भी कर दिया गया।

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अब तक सैकड़ों लोगों की हुई गिरफ्तारी

इस बीच, ब्रासीलिया के पूर्व सुरक्षा प्रमुख एंडरसन टोरेस सहित कई व्यापारियों और अधिकारियों की जांच की जा रही है, जो दंगों से पहले अमेरिका चले गए थे। गुरुवार को, पुलिस ने उनके घर पर छापेमारी की। जहां एक दस्तावेज पाया जो कथित तौर पर चुनाव परिणाम को उलटने की कोशिश कर रहे थे। अब तक 1,200 से अधिक लोगों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया है और उन पर दंगों के संबंध में आरोप लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा कई शीर्ष अधिकारियों के लिए गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए गए हैं। उनपर "कृत्यों और चूक के लिए जिम्मेदार" होने का आरोप लगाया गया है, जिसके कारण हिंसा हुई।

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