कनाडा के जंगलों में लगी आग से US का बढ़ा सिरदर्द, दिल्ली से ज्यादा प्रदूषित हुई न्यूयॉर्क की हवा
कनाडा के जंगलों में लगी आग ने अमेरिका के कई राज्यों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। न्यूयार्क के साथ ही पेसिंलवेनिया और न्यूजर्सी में भी इसका प्रभाव देखा जा रहा है। एअर ट्रैफिक पर भी प्रभाव पड़ा है।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 08 Jun 2023 07:15 PM (IST)
न्यूयार्क, रॉयटर। कनाडा के जंगलों में लगी आग के धुएं से अमेरिका के न्यूयॉर्क की हवा दिल्ली से भी अधिक प्रदूषित हो गई है। शहर पर छाई धुंध की चादर की वजह से दृश्यता बेहद कम हो गया। कई मील दूर से नजर आने वाला न्यूयार्क का मशहूर स्काइलाइन थोड़ी दूरी से भी नजर नहीं आ रहा था।
अमेरिका के कई राज्यों में फैला धुआं
न्यूयॉर्क के साथ ही पेसिंलवेनिया और न्यूजर्सी में भी इसका प्रभाव देखा जा रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अमेरिका के पूर्वी तट से लगने वाले शहरों में स्कूल में बाहरी गतिविधि के साथ ही शहर में होने वाले खेल से जुड़ी गतिविधियां रद्द कर दी गई हैं।
एअर ट्रैफिक पर भी प्रभाव पड़ा है। आग के धुएं से करीब 11.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। अमेरिका में 16 राज्यों में करीब नौ करोड़ लोगों पर प्रभाव पड़ा है। धुआं सबसे अधिक क्यूबेक की ओर से आ रहा है।
लोगों को घरों में रहने की अपील की गई
कनाडा सरकार ने आग पर काबू पाने के लिए दूसरे देशों से मदद मांगी है।अमेरिकी नेशनल वेदर सर्विस की ओर से इसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से वर्मोन्ट से लेकर दक्षिण कैरोलिना और ओहायो, कंसास तक रहने वाले लोगों से जहां तक संभव हो घर में रहने की अपील की गई है।न्यूयॉर्क शहर के मेयर ने बाहर निकलने पर एन95 मास्क लगाने की अपील की है। घरों की खिड़कियां बंद रखने और एसी और हेपा फिल्टर के प्रयोग करने कहा है।
हृदय और अस्थमा रोगियों के लिए बढ़ी परेशानी
पूर्वानुमान जारी करने वाली अमेरिका की निजी संस्था एक्वावेदर के अनुसार यह पिछले 20 वर्षों में सबसे खराब स्थिति है। कुछ लोगों ने प्रदूषण बढ़ने के बाद सांस लेने में तकलीफ की भी शिकायत की है। एयरनाव की ओर से कहा गया है कि कुछ इलाकों में बुधवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से ऊपर पहुंच गया था। संस्था के अनुसार हवा में प्रदूषित कण का 100 स्तर अस्वास्थ्यकर, जबकि 300 स्तर खतरनाक होता है। आग से उठने वाला धुआं हृदय रोगियों, अस्थमा और अन्य सांस के रोगियों के खतरनाक साबित होता है। यह आखों में जलन, त्वचा संबंधी परेशानी भी पैदा करता है।