Capitol Violence Case: दोबारा राष्ट्रपति नहीं बनेंगे ट्रंप? कैपिटल हिंसा मामले में लगे साजिश रचने के आरोप
अमेरिका में संसद परिसर में हुए दंगे को लेकर संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट में डोनाल्ड ट्रंप को कभी भी सरकारी पद देने की अनुमति ना देने की सलाह दी गई है। समिति ने 814 पेज में अपनी रिपोर्ट पेश की है।
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में 6 जनवरी, 2021 को हुए संसद परिसर में दंगे को लेकर संसदीय समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट गुरुवार को जारी कर दी है। रिपोर्ट में राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दंगे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन से हारने के बाद फर्जी वोटिंग का आरोप लगाने वाले ट्रंप ने अपने समर्थकों को संसद परिसर में उपद्रव करने से रोकने की कोई अपील नहीं की।
सरकारी पद ना दिए जाने की सलाह
समिति ने ट्रंप को कभी भी सार्वजनिक पद दिए जाने की अनुमति ना देने की सलाह दी है। संसदीय समिति की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि 6 जनवरी को हुई हिंसा का कारण 'केवल एक व्यक्ति' था, वह हैं ट्रंप। जिन्होंने लोकतंत्र को खतरे में डालने के साथ अमेरिकी सांसदों के जीवन को भी संकट में डाल दिया था।
814 पेज की रिपोर्ट पेश
मिसीसिपी से सांसद बेनी थाम्सन की अध्यक्षता में 18 महीने तक चली अपनी जांच में संसदीय समिति ने 10 सुनवाई के दौरान एक हजार गवाहों के साक्षात्कार और लाखों पेज के दस्तावेजों से तैयार अपनी 814 पेज की फाइनल रिपोर्ट गुरुवार को प्रस्तुत की। समिति के समक्ष गवाही देने वालो में कई ट्रंप के समर्थक और कानून प्रवर्तन अधिकारी शामिल थे। इन्होंने घटना का विस्तार से वर्णन किया। ट्रंप ने कैसे फर्जी वोटिंग की कहानी गढ़कर अपने समर्थकों को फिर से मतगणना कराने के लिए आंदोलन करने को उकसाया, जिसने हिंसक रूप ले लिया।
कई सुरक्षाकर्मी हुए थे घायल
6 जनवरी को संसद परिसर के बाहर उपद्रव रोकने की कोशिश कर रहे इन प्रवर्तन अधिकारियों पर हमला करने से इन दंगाइयों ने परहेज नहीं किया। हजारों की संख्या में जुटे ट्रंप समर्थकों के हमले में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल के जवान घायल हुए थे।
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