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अमेरिका में चीन ने खोले कई गुुप्त पुलिस स्टेशन, FBI की उड़ी नींद, कई देशों में ड्रैगन ने फैलाया जाल

चीन ने अमेरिका के कई शहरों में गुप्त पुलिस स्टेशन खोल दिया है। हैरानी की बात है कि एफबीआइ को इस बारे में पता ही नहीं चल पाया। हालांकि चीन ने ऐसे पुलिस स्टेशनों के अस्तित्व से इनकार किया है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Fri, 18 Nov 2022 08:23 PM (IST)
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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग की फाइल फोटो। 1
वाशिंगटन, एजेंसी : अमेरिका में चीन से जुड़े पुलिस स्टेशनों की मौजूदगी की एक रिपोर्ट सामने आई है। इससे अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआइ की नींद उड़ गई है। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि पूरे अमेरिका में चीन से जुड़े खुफिया पुलिस स्टेशन खोले गए हैं। इस पर एफबीआइ ने चिंता जताई है। हालांकि चीन, ऐसे पुलिस स्टेशनों के अस्तित्व से इनकार करता है।

अमेरिका सहित दुनिया के कई जगहों पर खोले गए स्टेशन

बीबीसी के अनुसार, गत सितंबर में एनजीओ सेफगार्ड डिफेंडर्स ने एक रिपोर्ट में यह उजागर किया था कि चीनी जन सुरक्षा ब्यूरो ने कई महाद्वीपों में पुलिस सर्विस स्टेशन खोल रखे हैं। एक पुलिस स्टेशन ग्लासगो में तो दो लंदन में भी मौजूद हैं। जबकि उत्तरी अमेरिका में ऐसे पुलिस स्टेशन टोरंटो और न्यूयार्क में संचालित हो रहे हैं। एफबीआइ निदेशक क्रिस्टोफर व्रे ने अमेरिकी सीनेट की एक कमेटी को बताया कि एजेंसी देशभर में इस तरह के पुलिस स्टेशनों की मौजूदगी की खबरों पर नजर रख रही है।

एफबीआइ निदेशक ने जताई चिंता 

उन्होंने सीनेट की गृह सुरक्षा मामलों की समिति से कहा, 'हम इन स्टेशनों के बारे में अवगत हैं। हमारे देश के अंदर और न्यूयार्क जैसे स्थान पर पुलिस स्टेशन खोलना बेहद आपत्तिजनक है। बिना किसी सूचना के ऐसा करना तो बिल्कुल भी सही नहीं है। यह संप्रभुता का उल्लंघन है।' एनजीओ के अनुसार, विदेश में इस तरह के पुलिस स्टेशन अंतरराष्ट्रीय अपराधों को रोकने और विदेश में बसे चीनी नागरिकों को प्रशासनिक सेवाएं मुहैया कराने के लिए खोले गए हैं। इन पुलिस स्टेशनों का उपयोग कुछ खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने में भी किया जाता है।

क्रिस्टोफर व्रे ने आगे बताया, 'मैं इस बारे में बहुत चिंतित हूं। व्रे ने अमेरिकी सीनेट की मातृभूमि सुरक्षा और सरकारी मामलों की समिति की सुनवाई में कहाकि हम इन स्टेशनों के अस्तित्व के बारे में जानते हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर एफबीआइ के इन्वेस्टीगेशन वर्क को स्वीकार किया, लेकिन इस बारे में विवरण देने से इनकार कर दिया। 

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