जाति के आधार पर भेदभाव: अमेरिका में दलित उत्पीड़न का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, 9 मार्च को होगी सुनवाई
जाति के आधार पर भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करने वाली अमेरिका स्थित अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (एआइसी) ने कैलिफोर्निया की सुप्रीम कोर्ट में एमिकस क्यूरी के तौर पर एक मामले में अपने को प्रस्तुत किया है। यह मामला कार्य स्थल पर जाति के आधार पर भेदभाव का है।
By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Wed, 03 Mar 2021 08:34 PM (IST)
वाशिंगटन, प्रेट्र। जाति के आधार पर भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करने वाली अमेरिका स्थित अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (एआइसी) ने कैलिफोर्निया की सुप्रीम कोर्ट में एमिकस क्यूरी के तौर पर एक मामले में अपने को प्रस्तुत किया है। यह मामला कार्य स्थल पर जाति के आधार पर भेदभाव का है।
जाति को लेकर भेदभाव के मामले की 9 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाईएमिकस क्यूरी एक तरह से अदालत की मदद करने के लिए नियुक्त होते हैं जो उस केस में पार्टी नहीं होते, लेकिन कानून के बिंदुओं पर केस में अदालत को अपने सुझाव देते हैं। जाति को लेकर भेदभाव के मामले की सुनवाई 9 मार्च को है।
भारतीय इंजीनियर के साथ जाति के आधार पर भेदभाव का मामला दर्जकैलिफोर्निया की नियामक संस्था ने सिस्को सिस्टम पर एक भारतीय इंजीनियर के साथ जाति के आधार पर भेदभाव का मामला दर्ज किया है। यह इंजीनियर दलित है। अमेरिका में जाति के आधार पर भेदभाव का यह मामला जाति विरोधी आंदोलन के रूप में देखा जा रहा है।
दलित इंजीनियर ने जाति के आधार पर उत्पीड़न के खिलाफ बोलने का रास्ता दिखायाइस दलित इंजीनियर ने दूसरे अन्य लोगों के लिए जाति के आधार पर उत्पीड़न के खिलाफ बोलने का रास्ता दिखाया है। एआइसी ने अदालत में एमिकस दाखिल करते हुए विशेषज्ञ और जाति के आधार पर भेदभाव की सभी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा है।