US Election 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में क्या है ट्रंप और बाइडन का मुख्य एजेंडा? यहां हो सकता है असली खेल
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन के खिलाफ एक बार फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इस वर्ष नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप लोगों को अपने एजेंडा के बारे में प्रचार कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध का भी मुद्दा जोर पकड़ सकता है।
रायटर, वाशिंगटन। US Election 2024: अमेरिका में इसी साल राष्ट्रपति का चुनाव होना है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन के खिलाफ एक बार फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, चुनाव में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की उम्मीदवारी पर भी सवाल उठ रहे हैं। डेमोक्रेट्स की ओर से उन्हें इस पद को छोड़ने के लिए भी दबाव बन रहा है।
क्या उम्मीदवारी से पीछे हटेंगे बाइडन?
समाचार एजेंसी रायटर के मुताबिक, 81 साल के जो बाइडन अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए अपनी उम्मीदवारी से पीछे हट सकते हैं और 59 साल की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस या पार्टी से किसी अन्य को आगे बढ़ा सकते हैं। वहीं, एक ओर पेंसिल्वेनिया में हमले के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है।
ट्रंप और बाइडन का क्या है एजेंडा?
इस वर्ष नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप लोगों को अपने एजेंडा के बारे में प्रचार कर रहे हैं। रायटर के मुताबिक, राष्ट्रपति बाइडन अगर चुनाव में जीत दर्ज करते हैं तो उनका ध्यान देश की अर्थव्यवस्था पर होगा। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर जो बाइडन लगातार हमलावर हैं। अपने अभियान में बाइडन कह रहे हैं कि अगर ट्रंप सत्ता के शीर्ष पर पहुंचते हैं तो यह अमेरिकी लोकतंत्र के लिए एक खतरा साबित हो सकता है।
देश में हुई है हिंसक अपराध में वृद्धि- ट्रंप
वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर वह राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करते हैं तो संघीय खर्च में कटौती करेंगे। सीमा पार से प्रवासियों के रिकॉर्ड प्रवाह को रोकने के लिए ट्रंप अपने कार्यकाल के दौरान लागू की गई कठोर आव्रजन नीतियों को लागू कर सकते हैं। ट्रंप ने दावा किया है कि सीमा पार से प्रवासियों के आने से देश में हिंसक अपराध में वृद्धि हुई है।
इजरायल-हमास वार पर क्या है दोनों की राय?
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध का भी मुद्दा जोर पकड़ सकता है। गाजा में हमास के साथ संघर्ष में इजरायल का लगातार समर्थन करने के कारण पिछले दिनों राष्ट्रपति बाइडन को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है। देश भर के शहरों और विश्वविद्यालय परिसरों में विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। हालांकि, बाइडन प्रशासन ने इजरायल से गाजा पर हमला कम करने का आह्वान किया है।
वहीं, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन भी इजरायल का समर्थन करते हैं। हालांकि, ट्रम्प ने इजरायल से युद्ध को जल्द से जल्द खत्म करने का आग्रह किया है। पूर्व राष्ट्रपति ने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो उनकी नीति जो बाइडन से अलग होगी या नहीं।
चीन मुद्दे पर बाइडन और ट्रंप का क्या रुख है?
अमेरिका और चीन के बीच जारी तनातनी को लेकर बाइडन और ट्रंप का अलग-अलग रुख है। जो बाइडन ने स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों जैसे चीनी सामानों पर अधिक टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा। वहीं, बाइडन प्रशासन ने ताइवान को चीनी खतरों से हर हाल में सुरक्षित रखने की कसम खाई है। राष्ट्रपति बाइडन ने ताइवान को किसी भी चीनी हमले से बचाने की शपथ ली है।
वहीं, रिपब्लिकन चीन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बढ़ते खतरे के रूप में देखते हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी आयातों पर और अधिक शुल्क लगाने की बात कही है।
ये हैं प्रमुख राज्य?
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले दोनों पार्टियां कई राज्यों में अपने-अपने सम्मेलन आयोजित कर रही हैं। रिपब्लिकन पार्टी इस सप्ताह विस्कॉन्सिन के मिल्वौकी में पार्टी के सम्मेलन में डोनाल्ड ट्रम्प को औपचारिक रूप से नामित करेंगे, जबकि डेमोक्रेट अगस्त में शिकागो में अपना सम्मेलन आयोजित करेंगे।
रिपब्लिकन और डेमोक्रेट मध्य-पश्चिम में अपने सम्मेलन आयोजित कर रही हैं। मालूम हो कि मिशिगन, पेन्सिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन साल 2016 में ट्रंप के पक्ष में आए थे। हालांकि साल 2020 में ये सभी राज्य बाइडन के पक्ष में चले गए थे।
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