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खुशखबरी! 14 करोड़ मील दूर से पृथ्वी को मिला खास सिग्नल, NASA ने किया अहम खुलासा

NASA ने बताया कि पृथ्वी को सुदूर अंतरिक्ष से एक खास सिग्नल मिला है। कहा जा रहा है कि यह सिग्नल लगभग 140 मिलियन मील दूर से आया है। नासा ने 13 अक्टूबर 2023 को एक अंतरिक्ष यान लॉन्च किया था। यह यान साइकी नामक क्षुद्रग्रह के पास भेजा गया था। साइकी नामक क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति के बीच में स्थित है।

By Anurag GuptaEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 02 May 2024 06:00 PM (IST)
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14 करोड़ मील दूर से पृथ्वी को मिला खास सिग्नल (फोटो: @NASAUniverse)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पृथ्वी को सुदूर अंतरिक्ष से एक खास सिग्नल मिला है। कहा जा रहा है कि यह सिग्नल लगभग 140 मिलियन मील दूर से आया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने इसका खुलासा किया है।

सुदूर अंतरिक्ष से आया सिग्नल

बता दें कि नासा को नए अंतरिक्ष याना साइकी से सिग्नल मिला है। यह सिग्नल 140 मिलियन मील (226 मिलियन किमी) दूर से आया है, जो सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी का डेढ़ गुना है। नासा ने 13 अक्टूबर, 2023 को एक अंतरिक्ष यान लॉन्च किया था। यह यान 'साइकी' नामक क्षुद्रग्रह के पास भेजा गया था। 'साइकी' नामक क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति के बीच में स्थित है।

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क्या है पूरा मामला?

बकौल नासा, साइकी में डीप स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशंस एक्सपेरिमेंट सिस्टम लगा हुआ है। साइकी के रेडियो फ्रीक्वेंसी ट्रांसमीटर के साथ जुड़ने के बाद लेजर कम्युनिकेशंस ने 140 मिलियन मील यानी 14 करोड़ मील की दूरी से इंजीनियरिंग डेटा की एक कॉपी भेजी। नासा के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि यह जटिल विज्ञानी जानकारी के साथ-साथ एचडी तस्वीरें और वीडियो के आदान-प्रदान को सक्षम बनाते हुए हाइयर डेटा रेट कम्युनिकेशंस को सक्षम बनाएगा।

बता दें कि लेजर टेक्नोलॉजी को सुदूर अंतरिक्ष से डेटा को 10 से 100 गुना तेज गति से संचारित करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो अत्याधुनिक रेडियो फ्रीक्वेंसी सिस्टम से मिलते हैं।

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विज्ञानी ने क्या कुछ कहा?

दक्षिणी कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्शन लैब में परियोजना की संचालन प्रमुख मीरा श्रीनिवासन ने कहा कि हमने 8 अप्रैल को अंतरिक्ष यान के संपर्क में आने के दौरान लगभग 10 मिनट के डुप्लिकेट किए गए डेटा को डाउनलिंक किया। इससे पहले हम 'साइकी' से अपने डाउनलिंक में टेस्ट और डायग्नोस्टिक डेटा भेज रहे थे।