ट्रैफिक लाइट की बत्ती गुल, मेट्रो सेवा ठप...अंधेरे में जीने पर मजबूर Ecuador के लोग, आखिर इस देश में क्यों छाया गंभीर ऊर्जा संकट?
Ecuador Blackout इक्वाडोर में गंभीर ऊर्जा संकट खड़ा हो गया और पूरा देश अंधेरे में डूब गया है। देशभर में ब्लैकआउट की वजह से 1.8 करोड़ लोग कई घंटों तक अंधेरे में रहने के लिए मजबूर हैं। वहीं इस ब्लैकाउट को लेकर लोक निर्माण मंत्री रॉबर्टो लुके ने कहा कि ट्रांसमिशन लाइन टूटने की वजह से बिजली संकट पैदा हुआ है।
एएनआई, क्विटो [इक्वाडोर]। आज से 21 साल पहले अमेरिका में जब बिजली संकट आया था तब कहा गया था कि तीस साल तक अमेरिका कभी अंधेरे में दुबारा नहीं डूबेगा। यह दावा काफी हद तक तो सही माना गया लेकिन एक बार फिर कहीं न कहीं इस दावे पर सवाल उठता हुआ दिख रहा है जहां एक बार फिर दक्षिण अमेरिका का एक देश इक्वाडोर में बुधवार दोपहर को राष्ट्रव्यापी ब्लैकआउट की स्थिति पैदा हो गई है।
ब्लैकआउट की वजह से 1.8 करोड़ लोग कई घंटों तक अंधेरे में रहे। लोक निर्माण मंत्री रॉबर्टो (Public Infrastructure Minister) लुके ने कहा कि ट्रांसमिशन लाइन टूटने की वजह से बिजली संकट पैदा हुआ। लुके ने आपातकाल के लिए 'ट्रांसमिशन लाइन में खराबी' को जिम्मेदार ठहराया। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसकी जानकारी दी है। बुधवार को हालात यह रहे है दोपहर के करीब राजधानी क्विटो में सबवे सिस्टम ठप हो गया और ट्रैफिक लाइटों ने काम करना बंद कर दिया।
ट्रांसमिशन लाइन में है खराबी
ब्लैकआउट के तुरंत बाद एक्स पर पोस्ट करते हुए लुके ने कहा कि ट्रांसमिशन लाइन में खराबी है, इसलिए पूरे देश में बिजली नहीं है। क्विटो के मेयर पाबेल मुनोज ने एक्स पर कहा कि यह घटना बड़ी रही होगी, क्योंकि इससे मेट्रो की बिजली भी चली गई, जिसका अपना अलग सिस्टम है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में पीने का पानी नहीं पहुंचा जिससे हालात और भी ज्यादा गंभीर हो गया।कोलंबिया से आती है देश की अधिकांश ऊर्जा
इक्वाडोर किस करह के गंभीर ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि यहां सरकार ने लोगों से ऊर्जा की खपत को कम करने के अपील की है। ऊर्जा संकट की वजह से इक्वाडोर में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। देश की अधिकांश ऊर्जा पड़ोसी कोलंबिया से आती है (एक ऐसा देश है जो अपनी घरेलू खपत के लिए पर्याप्त बिजली पैदा करने के लिए संघर्ष कर रहा है)।
बता दें कि चीन द्वारा निर्मित 2.25 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत वाला कोका कोडो सिंक्लेयर बांध नामक पनबिजली संयंत्र इक्वाडोर की समस्या को हल करने में मदद करने वाला था। हालांकि, यह परियोजना इक्वाडोर के अधिकारियों के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गई है। निर्माण में कई त्रुटियां हुई हैं, जिसके परिणामस्वरूप इक्वाडोर के अधिकारियों और चीनी कंपनी के बीच कानूनी विवाद हुआ है।