जानें- यूक्रेन पर हमले के लिए राष्ट्रपति पुतिन को कैसे ठहराया जा सकता है युद्ध अपराध का दोषी, कहां फंसा है पेंच
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने युद्ध अपराधी कहा है। हालांकि ये केवल दो शब्द नहीं है बल्कि इसके अपने बड़े मायने हैं। इसको कह देने भर से ही कोई युद्ध अपराधी भी नहीं हो जाता है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 17 Mar 2022 04:08 PM (IST)
नई दिल्ली (रायटर्स)। रूस और यूक्रेन की जंग में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लगातार युद्ध अपराधी बताया जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने एक बयान में एक बार फिर से राष्ट्रपति पुतिन को युद्ध अपराधी कहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि युद्ध अपराधी किसको कहा जाता है और कौन इसको तय करता है कि कोई व्यक्ति युद्ध अपराधी है या नहीं। आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि इसकी एक जटिल प्रक्रिया होती है।
राष्ट्रपति पुतिन पर आरोप अमेरिकी राष्ट्रपति के ही बयान की बात करें तो उन्होंने ऐसा इसलिए कहा है कि क्योंकि राष्ट्रपति पुतिन पर आरोप लग रहा है कि उनके आदेश पर रूसी सेना आम नागरिकों को निशाना बनाकर रिहायशी इमारतों पर हमला कर रही है। पिछले दिनों ही रूस ने बच्चों के एक अस्पताल पर बमबारी की थी जिसमें कई लोग मारे गए थे और घायल भी हुए थे। इसके बावजूद किसी को भी युद्ध अपराधी करार नहीं दिया जा सकता है। इसकी एक परिभाषा तय है जिसके तहत ही किसी को युद्ध अपराधी कहा जा सकता है।
बाइडन के बयान पर सफाई राष्ट्रपति के बयान पर व्हाइट के प्रेस सचिव जेन प्साकी ने कहा कि यूक्रेन पर हुए रूस के ताबड़तोड़ हमलों से बाइडन दुखी हैं। इसलिए ये शब्द उनके दिल की गहराइयों से निकले हैं। संयुक्त राष्ट्र के चीफ प्रोसिक्यूटर रह चुके डेविड क्रेन का कहना है कि उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल एक राजनीतिक तौर पर किया है। बता दें कि डेविड काफी लंबे समय से वार क्राइम पर काम कर चुके हैं। वो यूएन की सियरा लियोन में बनाई एक स्पेशल कोर्ट में चीफ प्रोसिक्यूटर थे जहां पर लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ मुकदमा चलाया गया था।
ऐसे होगी जांच इस शब्द की बात करें तो इसका इस्तेमाल अक्सर विश्व स्तर के राजनीतिज्ञ उन लोगों के लिए करते आए हैं जिन्होंने विश्व बिरादरी को नजरअंदाज कर हमलों में आम लोगों की जान ली हैं। जहां तक राष्ट्रपति पुतिन की बात है तो दुनिया के करीब 45 देश जिसमें अमेरिका भी शामिल है, राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ युद्ध अपराध की जांच शुरू कर दी है। इसमें ये देखा जाएगा कि उन्होंने युद्ध के नियमों को कितना पालन किया या उल्लंघन किया। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल में एक प्रस्ताव लाया जाएगा और जांच के लिए कमीशन आफ इंक्वायरी का गठन किया जाएगा। इसको काम को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय करेगा, जो एक स्वतंत्र जांच एजेंसी भी है।
टास्क फोर्स का गठन डेविड का कहना है कि अभी इसकी शुरुआत भर है। क्रेन ग्लोबल अकाउंटिबिलिटी नेटवर्क के प्रमुख है जो यूएन के इंटरनेशनल कोर्ट के साथ काम करती है। जिस वक्त रूस ने यूक्रेन पर हमला करना शुरू किया था तब से ही इसको लेकर एक टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया था। ये टास्क फोर्स सभी तथ्यों की जानकारी जुटाएगी। इसके अलावा ये राष्ट्रपति पुतिनके खिलाफ एक ड्राफ्ट भी तैयार करेगी।
कुछ दिक्कत भी हैं आपको बता दें कि जर्मनी समेत कुछ देशों के वार क्राइमको लेकर अपने नियम और अपनी परिभाषा भी हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय कोर्ट की बात करें तो रूस इसको मान्यता नहीं देता है। वहीं दूसरी तरफ इस कोर्ट के फैसले मानने को कोई देश बाध्य भी नहीं होता है। वहीं दूसरी तरफ ये भी सही है कि रुआंडा, कंबोडिया और यूगोस्लाविया में पूर्व तानशाहों और राजनेताओं को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने दोषी ठहराया था।