विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोले- हमारे लिए दुनिया एक परिवार; धरती के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने को तैयार
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के संबोधन से पहले न्यूयार्क में आयोजित भारत 75 इंडिया-यूएन पार्टनरशिप इन एक्शन कार्यक्रम को संबोधित किया। इस संबोधन में विदेश मंत्री ने क्या बातें कही जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...
By AgencyEdited By: Krishna Bihari SinghUpdated: Sat, 24 Sep 2022 07:16 PM (IST)
न्यूयॉर्क, एजेंसियां। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के संबोधन से पहले न्यूयार्क में आयोजित 'भारत @ 75: इंडिया-यूएन पार्टनरशिप इन एक्शन' कार्यक्रम को संबोधित किया। इस संबोधन में विदेश मंत्री ने कहा कि 18वीं सदी में भारत विश्व की कुल अर्थव्यवस्था का लगभग एक चौथाई हिस्सा रखता था लेकिन 20वीं सदी के मध्य तक गुलामी के चलते स्थिति खराब हो गई और भारत दुनिया के सबसे गरीब मुल्कों में शुमार हो गया।
भारत ने दुनिया को अपनी सामर्थ्य का एहसास कराया
अब एकबार फिर भारत ने अपनी सामर्थ्य का एहसास दुनिया को करा दिया है। आजादी के 75 साल बाद भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमारा विकास डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर इस तरह डिजाइन किया गया है कि कोई भी नागरिक पीछे ना छूटने पाए।
#WATCH | In 18th century, India accounted for about a quarter of global GDP. By middle of 20th century, colonialism ensured that we're one of the poorest nations, but in the 75th year of Independence, India stands before you proudly as the 5th biggest economy in the world: EAM pic.twitter.com/JXP5ABRtLJ
— ANI (@ANI) September 24, 2022
हमारे विचार में दुनिया एक परिवार
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- भारत धरती के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमें संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों और उसके चार्टर पर पूरा भरोसा है। हमारे विचार में दुनिया एक परिवार है।डिजिटल तकनीक के प्रसार पर तेजी से काम कर रहा भारत
विदेश मंत्री ने कहा- हाल के दिनों में डिजिटल तकनीक ने हर जरूरतमंद भारतीय तक मदद पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है। डिजिटल तकनीक ने खाद्य सुरक्षा नेटवर्क को सफलतापूर्वक अपग्रेड किया है। भारत में डिजिटल तकनीक की मदद से 80 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा के तहत राशन उपलब्ध कराया जा चुका है। भारत ने 2047 तक एक विकसित देश बनने का लक्ष्य रखा है। हम अपने दूर सदूर के गावों को भी डिजिटाइज करने के लिए प्रयासरत हैं। भारत सरकार तेजी से इस दिशा में काम कर रही है।
जलवायु परिवर्तन को थामने की दिशा में काम
एस. जयशंकर ने कहा- भारत ने ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन के लिए दो प्रमुख पहलकदमियों को सक्षम किया है। पहला 2015 में फ्रांस के साथ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के तौर पर... मौजूदा वक्त में इसके 100 से अधिक सदस्य हैं। दूसरा आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन... जिसमें भारत संस्थापक सदस्य है।