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भारतीय मूल के डॉक्टर की अमेरिका में गोली मारकर हत्या, US में चला रहे थे कई अस्पताल

अमेरिका में अलबामा के शहर टस्कलोसा से शुक्रवार को भारतीय मूल के डॉक्टर की हत्या का मामला सामने आया था। बता दें कि पीड़ित की पहचान डॉ. रमेश बाबू पेरमसेट्टी के रूप में हुई जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। वह एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे जिन्होंने अमेरिका में कई अस्पतालों का संचालन किया। डॉ. रमेश आंध्र प्रदेश के तिरूपति जिले के निवासी थे

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sun, 25 Aug 2024 11:05 PM (IST)
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डॉक्टर की अमेरिका में गोली मारकर हत्या

डिजिटल डेस्क, अमेरिका। अमेरिका में अलबामा के शहर टस्कलोसा से शुक्रवार को भारतीय मूल के डॉक्टर की हत्या का मामला सामने आया था। बता दें कि पीड़ित की पहचान डॉ. रमेश बाबू पेरमसेट्टी के रूप में हुई, जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। वह एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे जिन्होंने अमेरिका में कई अस्पतालों का संचालन किया।

डॉ. रमेश, आंध्र प्रदेश के तिरूपति जिले के निवासी थे, वे एक क्रिमसन नेटवर्क के रूप में काम करने वाले स्थानीय चिकित्सा अधिकारियों के एक समूह के संस्थापकों और चिकित्सा निदेशक में से एक थे। उन्हें स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जाना जाता था और उन्होंने टस्कालोसा में एक चिकित्सक के रूप में भी अभ्यास किया था।

डॉक्टर की निधन पर किया फेसबुक पोस्ट

क्रिमसन केयर नेटवर्क टीम ने डॉक्टर की निधन पर एक फेसबुक पोस्ट भी किया, उन्होंने इसको लेकर कहा, 'जैसा कि इस समय बहुत से लोग जानते हैं, हमें डॉ. रमेश पेरामसेट्टी के निधन के बारे में सूचित किया गया है। पेरामसेट्टी परिवार ने हमसे अनुरोध किया है कि हम इस मामले पर प्राइवेसी रखें, वो एक ऐसे इंसान हैं, जिन्हें भरपूर प्यार और विश्वास मिला है। उन्होंने आगे कहा, हम ऐसा करना जारी रखेंगे। पोस्ट में आगे कहा गया, उसका सम्मान करें जैसा कि वह चाहतें हैं हम करें।

'डॉक्टर के पास 38 साल का अनुभव था'

उनके वेडएमडी पेज के अनुसार, डॉ. पेरामसेट्टी ने 1986 में विस्कॉन्सिन के मेडिकल कॉलेज, वेंकटेश्वर मेडिकल कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उनके पास 38 साल का अनुभव था। उन्होंने टस्कलोसा और चार अन्य स्थानों पर काम किया और आपातकालीन चिकित्सा और पारिवारिक चिकित्सा में विशेषज्ञता हासिल की। वह डिप्लोमा इन चाइल्ड हेल्थ (डीसीएच) क्षेत्रीय चिकित्सा केंद्र से भी संबद्ध थे।

स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, चिकित्सा पेशे में उनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण टस्कलोसा में एक सड़क का नाम उनके नाम पर रखा गया था। रिपोर्टों से पता चलता है कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान भी व्यापक काम किया और इसके लिए उन्हें पुरस्कार भी मिले।