दुनिया की पहली चिकनगुनिया वैक्सीन को अमेरिका की मंजूरी, फ्रांसीसी बायोटेक कंपनी वेलनेवा ने किया तैयार
दुनिया की पहली चिकनगुनिया वैक्सीन को अमेरिका ने मंजूरी दे दी है। फ्रांसासी बायोटेक कंपनी वेलनेवा ने इसे तैयार किया है। इस टीके को इक्सचिक नाम दिया गया है। चिकनगुनिया वायरस मुख्य रूप से संक्रमित मच्छर के काटने से इंसान में फैलता है। पिछले 15 वर्षों में 50 लाख मरीजों में चिकनगुनिया की पुष्टि होने के बाद यह बीमारी आज वैश्विक स्वास्थ्य खतरा बन गई है।
आइएएनएस, वाशिंगटन। चिकनगुनिया से बचाव के लिए दुनिया के पहली वैक्सीन को अमेरिका ने मंजूरी दे दी है। फ्रांसीसी बायोटेक कंपनी वेलनेवा द्वारा निर्मित वैक्सीन (Valneva's Chikungunya vaccine) को 'इक्सचिक' (IXCHIQ) नाम दिया गया है।
चिकनगुनिया वायरस कैसे फैलता है?
चिकनगुनिया वायरस मुख्य रूप से संक्रमित मच्छर के काटने से इंसान में फैलता है। पिछले 15 वर्षों में 50 लाख मरीजों में चिकनगुनिया की पुष्टि होने के बाद यह बीमारी आज वैश्विक स्वास्थ्य खतरा बन गई है।
इंजेक्शन के जरिए मांसपेशियों में दिया जाएगा वैक्सीन की एक खुराक
अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन (FDA) ने वैक्सीन को मंजूरी देने की पुष्टि करते हुए कहा कि वैक्सीन 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को दी जा सकती है। इक्सचिक की एकल खुराक को इंजेक्शन के माध्यम से मांसपेशियों में दिया जा सकता है।
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3500 लोगों पर वैक्सीन का परीक्षण
वैक्सीन में चिकनगुनिया वायरस का जीवित कमजोर रूप होता है और टीका लेने के बाद व्यक्ति में चिकनगुनिया के रोगी के समान लक्षण पैदा हो सकते हैं। कंपनी ने उत्तरी अमेरिका के 3500 लोगों पर वैक्सीन का परीक्षण किया है। वैक्सीन देने के बाद लोगों में सिरदर्द, थकान, जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द, बुखार और मतली जैसे लक्षण देखे गए।
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नवजात शिशुओं के लिए घातक है चिकनगुनिया वायरस
एफडीए के सेंटर फार बायोलॉजिक्स इवेल्यूशन एंड रिसर्च के निदेशक पीटर मार्क्स ने कहा कि चिकनगुनिया वायरस के संक्रमण से घातक बीमारियों और लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। चिकनगुनिया वायरस नवजात शिशुओं के लिए भी घातक है।