फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में एक चौथाई प्रतिशत की बढ़ोतरी की, मुद्रास्फीति अभी भी ज्यादा
यूएस फेडरल रिजर्व के इस कदम से अमेरिका समेत कई देशों में असर पड़ने की संभावना है। अमेरिका इन दिनों पिछले साल चार दशक की सबसे बड़ी महंगाई का सामना कर रहा है। यही वजह है कि अमेरिका को लगातार ब्याज दरें बढ़ानी पड़ रही हैं।
वाशिंगटन, रायटर। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में एक चौथाई प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के साथ ही इस बात का संकेत दिया है कि वह भविष्य में और वृद्धि को रोक सकता है। यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया। अब रेपो रेट 5.0 से 5.25 हो गई है।
मार्च, 2022 के बाद रेपो रेट में लगातार यह दसवीं वृद्धि है। उधर, कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि फेडरल रिजर्व जून में होने वाली बैठक में दरें नहीं बढ़ाएगा, इस बात की कोई गारंटी नहीं है, क्योंकि फेडरल रिजर्व ने अपने बयान में कहा है कि मुद्रास्फीति अभी भी ज्यादा।
अमेरिका लगातार बढ़ा रहा ब्याज दरें
यूएस फेडरल रिजर्व के इस कदम से अमेरिका समेत कई देशों में असर पड़ने की संभावना है। अमेरिका इन दिनों पिछले साल चार दशक की सबसे बड़ी महंगाई का सामना कर रहा है। यही वजह है कि अमेरिका को लगातार ब्याज दरें बढ़ानी पड़ रही हैं।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि मैं कहूंगा कि हमारा ध्यान अल्पकालिक कदमों पर नहीं बल्कि व्यापक वित्तीय स्थितियों में निरंतर बदलाव पर है। यह हमारा निर्णय है कि हम अभी तक पर्याप्त रूप से प्रतिबंधात्मक नीति के रुख पर नहीं हैं।