उत्तराखंड के सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के बचाव अभियान पर विदेशी मीडिया की थी नजर, कहा- मशीनरी पर भारी पड़ा मानव श्रम
Uttarkashi Tunnel Rescue बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सुरंग के बाहर पहले श्रमिक के निकलने की सूचना पहुंचने पर जश्न सा माहौल था। कई परेशानियों के बाद आखिर उन्हें निकालने में सफलता मिली। वहीं द टेलीग्राफ ने लिखा सेना के इंजीनियर और माइनिंग करने वालों ने मलवे के ढेर के बीच से रेट होल बनाने में सफलता हासिल की।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Wed, 29 Nov 2023 06:37 PM (IST)
पीटीआई, लंदन। उत्तराखंड में सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को मंगलवार को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया। देश के साथ ही दुनियाभर की मीडिया की इस पर नजर थी। विदेशी मीडिया ने इसे मशीनरी पर मानव श्रम की जीत बताया है। गार्जियन न्यूजपेपर ने लिखा है कि अंत में यह मशीनरी पर मानव श्रम की विजय है, क्योंकि रैट होल माइनिंग विशेषज्ञ ने 12 मीटर की खोदाई मैनुअल तरीके से पूरी की और सफल रहे।
वहीं बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सुरंग के बाहर पहले श्रमिक के निकलने की सूचना पहुंचने पर जश्न सा माहौल था। कई परेशानियों के बाद आखिर उन्हें निकालने में सफलता मिली। वहीं द टेलीग्राफ ने लिखा सेना के इंजीनियर और माइनिंग करने वालों ने मलवे के ढेर के बीच से रेट होल बनाने में सफलता हासिल की।
अंत में मैनुअल ड्रिलिंग से ही मिली सफलता- न्यूयार्क टाइम्स
न्यूयार्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए शुरुआती प्रयास अतिरिक्त मलवा गिरने से प्रभावित हुआ। अमेरिकी आगर मशीन के 20 मीटर से कम ड्रिलिंग के दौरान ही टूट जाने से कार्य अव्यवस्थित हो गया। देश के विभिन्न भागों से नई मशीनें वहां के लिए रवाना हुईं। लेकिन अंत में मैनुअल ड्रिलिंग से ही सफलता मिली।आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने बताया अद्भुत उपलब्धि
आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने बचाव अभियान को सफलता पूर्वक पूरा करने के लिए भारतीय अधिकारियों की प्रशंसा की है। उन्होंने इसे अद्भुत उपलब्धि बताया है। उन्होंने अभियान में आस्ट्रेलिया के सुरंग बनाने के विशेषज्ञ आरनोल्ड डिक्स की भूमिका की भी सराहना की। उधर, ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी इसे भारत में अबतक के वीरता पूर्ण बचाव कार्यों में से एक बताया। इसका पूरा क्रेडिट सिस्टम की ओर से देश में विकसित कौशल और क्षमता और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की ओर से दिए गए समर्थन को जाता है।
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