3 अक्टूबर को किया गया था अपहरण
उन्होंने यह भी बताया कि तीन अक्टूबर को जब अपहरण किया जा रहा था तो अमनदीप भारत में रह रहे अपने पिता से फोन पर बात कर रहे थे। वह मेरे चचेरे भाई थे और 16-17 साल से अमेरिका में अच्छी तरह से बस गए थे। वहां उनका ट्रांसपोर्ट का कारोबार था। मृतक के चचेरे भाई चरणजीत सिंह ने भी कहा कि उन्हें आज दुखद घटना के बारे में सूचित किया गया। सिंह ने कहा कि हमें आज सुबह ही सूचना मिली जब चारों के शव एक खेत में मिले हैं। इन सभी का अपहरण 3 अक्टूबर को किया गया था। वह (अमनदीप सिंह) भारत में अपने पिता के साथ फोन पर बात कर रहे थे, जब यह घटना हुई। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि आरोपी अभी भी फरार हैं। परिवार शव की बरामदगी को लेकर अनिश्चित था।
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क्या हुआ था सोमवार को
सोमवार को जसदीप सिंह, जसलीन कौर, अमनदीप सिंह और आठ महीने की बच्ची आरूही घर पर मौजूद थे, तभी एक शख्स हाथ में पिस्तौल लिए उनकी बिल्डिंग में आता है। दरवाजा खुलते ही वह उन पर पिस्तौल तान देता है। उस समय अमनदीप फोन पर बात कर रहा था। उन्हें जान से मारने की धमकी देता है। इससे पहले कि परिवार कुछ समझ पाते, वो उन चारों लोगों को घर से बाहर चलने के लिए कहता है।
इससे परिवार के तीनों सदस्य यानी जसदीप, जसलीन और अमनदीप घबरा जाते हैं। इसके बाद वो जसदीप और अमनदीप के हाथ पीछे तरफ बंधवा देता है। फिर हथियारधारी शख्स उन सभी को आगे चलने के लिए कहता है और वे चारों ऐसा ही करते हैं। वो अपने घर से बाहर निकलकर मेन गेट की तरफ बढ़ने लगते हैं। बिल्डिंग के बाहर जसदीप और अमनदीप का ट्रक खड़ा होता है। आरोपी उन चारों को लेकर ट्रक की तरफ बढ़ता है और फिर उनको ट्रक में बैठाकर वहां से निकल जाता है। अपहरण की वारदात वहां लगे सीसीटीवी कैमरों में दर्ज है।
हत्याओं के मकसद का पता लगा रही पुलिस
शेरिफ वर्न वार्नके ने बुधवार को कहा कि परिवार के चार सदस्यों के शव, जो मूल रूप से भारत में पंजाब के रहने वाले हैं, मर्सिड काउंटी के एक दूरदराज के बाग में एक खेत मजदूर द्वारा एक-दूसरे के पास पड़े मिले। शेरिफ वर्न वार्नके ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज रात हमारे बदतर डर की पुष्टि हुई है। शेरिफ ने कहा, हमें अपहरण किए गए चार लोगों का पता चला है। वे वास्तव में मर चुके हैं। उन्होंने कहा, परिवार (पीड़ित के) को सूचित कर दिया गया है। हमने अन्य संपर्कों के माध्यम से आरोपी को पकड़ने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि हत्याओं के मकसद का पता लगाने के लिए पुलिस कार्रवाई करेगी। अधिकारियों के अनुसार परिवार को एक सजायाफ्ता लुटेरा ले गया, जिसने अपहरण के एक दिन बाद खुद को मारने की कोशिश की थी।
हो सकता है पैसे से जुड़ा अपराध
सिख परिवार के अन्य सदस्यों का कहना है कि परिवार की ट्रक कंपनी 'यूनिसन ट्रकिंग इंक' के कार्यालय से कुछ भी चोरी नहीं हुआ, लेकिन परिवार के सभी सदस्य आभूषण पहने थे। वहीं, शेरिफ का कहना था कि अपहरण के बाद एक अपहृत व्यक्ति के एटीएम कार्ड का एटवाटर में इस्तेमाल किया गया था। यह जगह मर्सेड से 14 किलोमीटर दूर है। शेरिफ ने कहा कि उन्हें यह पैसों से जुड़ा अपराध लग रहा था, लेकिन अपहरणकर्ता ने फिरौती की कोई मांग नहीं की थी। मारे गए लोगों के परिवार और सलगाडो के बीच कोई लिंक भी नहीं मिला है।
बेहद संवेदनहीन कृत्य
शेरिफ ने इसे बेहद संवेदनहीन कृत्य बताया और कहा कि पुलिस को अब तक उसके उद्देश्यों का पता नहीं था। एक पूरे परिवार का सफाया हो गया है और किसलिए, हम अभी तक नहीं जानते हैं। पुलिस ने बताया कि 36 वर्षीय जसदीप सिंह, 27 वर्षीय जसलीन कौर, उनकी आठ महीने की बच्ची आरोही ढेरी और 39 वर्षीय अमनदीप सिंह का अपहरण कर लिया गया है। स्थानीय अधिकारियों द्वारा मर्सिड कंट्री के बाहर एक ग्रामीण इलाके में लापता पीड़ित के ट्रक में आग लगने के बाद सोमवार को परिवार के लापता होने की खबर मिली।
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संदिग्ध आरोपी गिरफ्तार
हत्या के संदिग्ध 48 वर्षीय जीसस मैनुएल सलगाडो के बारे में शेरिफ ने कहा, 'नरक में भी इस व्यक्ति को जगह नहीं मिलेगी।' साथ ही कहा कि इन हत्याओं में और लोग भी शामिल हो सकते हैं। मंगलवार शाम जीसस ने गिरफ्तारी के बाद आत्महत्या करने की कोशिश की थी। उसके परिवार ने ही अधिकारियों से संपर्क किया था और बताया था कि उसने अपहरण में शामिल होने की बात स्वीकारी थी। फिलहाल अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है और हालत गंभीर है।
आठ साल की सजा काट चुका है आरोपी
परिवार के चार सदस्यों के अपहरण और हत्या के आरोप में गिरफ्तार 48 वर्षीय व्यक्ति ने 17 साल पहले इसी तरह का अपराध किया था, जिसके पीड़ितों ने अब एक स्थानीय समाचार नेटवर्क से बात की है। स्थानीय अधिकारियों ने जीसस मैनुअल सालगाडो के रिकार्ड को साझा किया, जिसमें 2005 की डकैती भी शामिल है जिसके लिए उन्होंने आठ साल जेल की सजा काट ली है।
नियोक्ता ने आरोपी को नौकरी से हटा दिया था
2005 की डकैती की पीड़िता ने बताया कि मैं अपने घर के सामने के दरवाजे को बंद कर रहा था, जब एक बंदूक निकाली और सिर के पीछे रख ली। सालगाडो ने शख्स, पत्नी, उनकी 16 वर्षीय बेटी और उसके दोस्त के हाथों को बांध दिया। सालगाडो संभवत: परेशान था क्योंकि वह आदमी उसका नियोक्ता था और उसने हाल ही में उसे उस नौकरी से निकाल दिया था, जिसे उसने दो साल के लिए रखा था।
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