'कमला हैरिस की मां ने नहीं टूटने दिया भारत से रिश्ता', PM मोदी बोले- दोनों देशों के संबंधों की मधुर गीतमाला...
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं सबसे पहले उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का इस भव्य स्वागत करने के लिए धन्यवाद करता हूं। आप दोनों ने जो गर्मजोशी भरे शब्द कहे उसके लिए भी मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। पिछले तीन दिनों में मैंने अनेक बैठकों में हिस्सा लिया। कई विषयों पर चर्चा की।
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा आयोजित लंच में अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल हुए। दोनों नेताओं की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं सबसे पहले उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का इस भव्य स्वागत करने के लिए धन्यवाद करता हूं।
'मित्रता एवं सहयोग और गहरे हों'
उन्होंने कहा कि आप दोनों ने जो गर्मजोशी भरे शब्द कहे उसके लिए भी मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। पिछले तीन दिनों में मैंने अनेक बैठकों में हिस्सा लिया। कई विषयों पर चर्चा की। इन सभी बैठकों में एक चीज कॉमन थी, सब एकमत थे कि भारत और अमेरिका के लोगों के बीच मित्रता एवं सहयोग और गहरा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंधों की मधुर गीतमाला लोगों से लोगों के बीच संबंध के सूरों से पिरोई गई है। इन संबंधों का उदाहरण हमें कदम-कदम पर देखने को मिलता है।
कमला हैरिस की मां का भारत कनेक्शन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की मां वर्ष 1958 में भारत से अमेरिका आईं। उस समय अधिकांश लोगों के पास फोन नहीं था। इसलिए उन्होंने अपने हाथ से पत्र लिखकर परिवारजनों को भेजा था, उन्होंने कभी भी भारत से रिश्ता नहीं तोड़ा।
उन्होंने कहा कि 2014 में मेरी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति बाइडन भी यहां स्टेट विभाग में थे। उस समय उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी को 'क्षितिज पर एक वादा' कहा था। इन 9 वर्षों में हमने बहुत लंबी और खूबसूरत यात्रा की है। रक्षा और सामरिक क्षेत्रों में हमने आपसी सहयोग के नये आयाम जोड़े हैं। नई और उभरती टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हम नए विश्वास के साथ काम कर रहे हैं।
क्या कुछ बोलीं कमला हैरिस?
वहीं, कमला हैरिस ने कहा,
भारत का इतिहास और शिक्षा ने न केवल मुझ पर बल्कि पूरी दुनिया पर प्रभाव डाला है। भारत ने दुनिया के करोड़ों लोगों को प्रेरित किया चाहे फिर वह दर्शनशास्र से हो या फिर सविनय अवज्ञा या फिर लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता हो।
उन्होंने कहा कि अमेरिका की उपराष्ट्रपति होने के नाते मैं कई देशो में गई हूं और भारत में भी। दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत निर्मित वैक्सीन पहुंची जिसकी मदद से कई लोगों की जान बचाई जा सकीं।