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'गांधी जी का संदेश बहुत जटिल है...वे एक असाधारण व्यक्ति थे', अमेरिका में बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर

S Jaishankar America Visitविदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका में एक संबोधन में महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि भारत द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता गांधी जी के विचारों पर आधारित थी। उन्होंने कहा गांधी जी का संदेश बहुत जटिल है लेकिन इसका सार वास्तव में बहुत सरल है कि सही काम करने सभी के हित से जुड़े काम करने और किसी को भी पीछे न छोड़ना है।

By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Sun, 01 Oct 2023 08:24 AM (IST)
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भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (फोटो- एएनआई वीडियो)
एएनआई, वाशिंगटन। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। अमेरिका दौरे के अंतिम चरण में शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता पर कहा, "गांधी जयंती करीब है... महात्मा गांधी एक असाधारण व्यक्ति थे... उन्होंने इतनी सारी बातें इतनी स्पष्टता से कही... गांधी जी का संदेश बहुत जटिल है, लेकिन इसका सार वास्तव में बहुत सरल है कि सही काम करने, सभी के हित से जुड़े हुए काम करना और किसी को भी पीछे न छोड़ना है। जब हमने जी 20 की अध्यक्षता संभाली... कई मायनों में, ये संदेश हमारी सोच के केंद्र में था...।"

विदेश मंत्री वाशिंगटन डीसी में इंडिया हाउस में 'कलर्स ऑफ फ्रेंडशिप' कार्यक्रम में भारतीय प्रवासी लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों की कोई सीमा नहीं है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को अमेरिका में कहा कि आज, नई दिल्ली और वाशिंगटन एक-दूसरे के साथ सबसे सुखद साझेदार के रूप में देखते हैं।

'कलर्स ऑफ इंडिया' कार्यक्रम में भारत-अमेरिका संबंधों पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "...आज मेरे लिए इस संबंध पर कोई सीमा लगाना, इसे परिभाषित करना, यहां तक की अपेक्षाओं को बताना भी मुश्किल है।...आज हर तरह से यह रिश्ता अपेक्षाओं से कहीं अधिक बढ़ गया है, यही वजह है कि आज हम इसे परिभाषित करने की कोशिश भी नहीं करते हैं। हम वास्तव में मानक बढ़ाते रहते हैं। हम नए डोमेन ढूंढते रहते हैं...आज भारत और अमेरिका एक ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं जहां हम वास्तव में एक-दूसरे को बहुत ही वांछनीय और सहज साझेदार के रूप में देखते हैं... इसलिए इस रिश्ते की केमिस्ट्री और सहजता मुझे इस बारे में बहुत आशा देती है कि संभावनाएं कहां पर हैं।"

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर कहते हैं, "...यदि आप हाल की कुछ चीजों को देखें जो भारत और अमेरिका ने मिलकर की हैं, तो वे सभी 'I' अक्षर से शुरू होती हैं। इसलिए हमने अभी इस मध्य पूर्वी गलियारे के बारे में बात की इसे IMEEC, भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा कहा जाता है...।

यह एक नया भारत है- जयशंकर 

विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत की उपलब्धियों को बताते हुआ कहा कि भारत आज आगे बढ़ रहा है। उन्होंने चंद्रयान -3 की सफलता को बताते हुए कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है... हां, हम विशेष क्लब में शामिल हो गए हैं, लेकिन आज कई मायनों में , नया भारत चंद्रयान का भारत है, यह CoWIN का भारत है, यह 5G का भारत है। आज वास्तव में हम सक्षम हैं, और यह वह भारत है जिसे आज संयुक्त राज्य अमेरिका भी देखता है। यह वह भारत है जिसके साथ संयुक्त राज्य अमेरिका भी वास्तव में और अधिक निकटता से काम करने की भूख रखता है।"

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर 22-30 सितंबर तक अमेरिका की यात्रा पर थे। उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र को संबोधित किया। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने कई शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठकें भी कीं।

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