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अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्‍जे से अमेरिका सेना के जान देने वाले सैनिकों की माताओं का दिल दुखा

जिल स्टीफेंसन ने अपने 21 साल के बच्चे बेन कोप्प और जीन दुर्गिन ने अपने 23 साल के बेटे को खोया है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से ​अमेरिकी सैनिकों की मां ने अपना दुख प्रकट कर कहा कि उनके बेटों की मौत व्यर्थ नहीं थी।

By Avinash RaiEdited By: Updated: Tue, 17 Aug 2021 05:02 PM (IST)
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अफगानिस्तान पर तालिबान आतंकियों के अधिग्रहण के बाद गोल्ड स्टार माताओं का दिल दुखा

मियामीबर्ग (ओहियो), रायटर। अमेरिका से तालिबान की जंग में कई अमेरिकी मां ऐसी है जिन्होंने अपने बच्चों को खोया है। जिल स्टीफेंसन ने अपने 21 साल के इकलौते बच्चे बेन कोप्प को खो दिया, जो एक अमेरिकी सैनिक था। 2009 में अफगानिस्तान में तालिबान बलों के साथ गोलाबारी के दौरान गोली लगने से उसकी मौत हो गई थी। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से ​अमेरिकी सैनिक की मां जिल स्टीफेंसन को बुरा लगा है।

स्टीफेंसन उन अमेरिकी परिवारों में से एक है जिन्होंने युद्ध या अन्य संघर्ष में किसी करीबी रिश्तेदार को खोने के बाद अमेरिकी सेना द्वारा गोल्ड स्टार का दर्जा दिया गया था। जब 11 सितंबर, 2001 में अमेरिका पर हमला किया गया था, तब उनका बेटा 13 साल का था और उसने उस शाम को सेना रेंजर बनने की कसम खाई थी।

दो गोल्ड स्टार माताओं में से एक स्टीफेंसन ने रायटर से बात करते हुए कहा कि तालिबानियों ने अफगानिस्तान में राष्ट्रपति जो बिडेन के अमेरिकी सैन्य मिशन को समाप्त करने के फैसले के बाद पूरे अफगानिस्तान पर अपना कब्जा कर लिया हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा 20 साल के संघर्ष के दौरान मारे गए अमेरिकी सेना के लगभग 2,500 सदस्यों को उनके बलिदान को भुलाया नहीं जाएगा।

18 जुलाई, 2009 को बेन कोप्प की मौत गोली लगने के आठ दिन बाद हुई थी। उसके हृदय, गुर्दे, यकृत, त्वचा, हड्डी और ऊतक दान किया गया था। उनके अंगों ने चार लोगों की जान बचाई है। उनका दिल आज 69 वर्षीय जूडी मेइकल के अंदर धड़कता है, जिन्हें कोप्प की मृत्यु से कुछ महीने पहले जन्मजात हृदय रोग का पता चला था। मेइकल ने रायटर से कहा कि यह एक अद्भुत उपहार है।

जीन दुर्गिन का 23 साल का बेटा सेना सार्जेंट रसेल डर्गिन एक स्नाइपर लीडर था। 13 जून, 2006 को अफगानिस्तान की कोरेंगल घाटी में उनको गोली मारी गई थी। उन्होंने अफगानिस्तान जाने से पहले इराक में एक युद्धक दौरा पूरा किया था। उनकी 82 वर्षीय मां तालिबान को अफगानिस्तान पर फिर से कब्जा करते हुए देखकर दुखी हुईं, उन्होंने कहा कि वह अफगान लोगों के साथ सहानुभूति रखती हैं। ड्यूरगिन ने कहा कि उनके बेटे की मौत व्यर्थ नहीं थी। बता दें कि हेनिकर में एक पुल का नाम रसेल डर्गिन के नाम पर रखा गया है।

रविवार को काबुल स्थित दूतावास परिसर से अमेरिकी ध्वज को उतारा गया। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए हैं और अमेरिका की सहायता करने वाले अफगान काबुल के हवाई अड्डे पर अराजक दृश्यों के बीच भागने की कोशिश कर रहे हैं।