Move to Jagran APP

भारत के पहले अंतरिक्ष पर्यटक बने गोपी थोटाकुरा, ब्लू ओरिजिन कैप्सूल से छह लोगों ने की अंतरिक्ष की सैर

भारतीय सेना के विंग कमांडर राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष में गए थे। राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय हैं। ब्लू ओरिजिन की सातवीं मानव उड़ान एनएस-25 रविवार सुबह वेस्ट टेक्सास से रवाना हुई। गोपी के साथ चालक दल के अन्य पांच सदस्यों में मेसन एंजेल सिल्वेन शिरोन केनेथ एल. हेस कैरोल स्कालर और अमेरिका वायुसेना के पूर्व कैप्टन एड ड्वाइट शामिल थे।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Mon, 20 May 2024 06:00 AM (IST)
Hero Image
गोपी थोटाकुरा भारत के पहले अंतरिक्ष पर्यटक बन गए हैं।
पीटीआई, वॉशिंगटन। गोपी थोटाकुरा भारत के पहले अंतरिक्ष पर्यटक बन गए हैं। उद्यमी और पायलट गोपी ने रविवार को ब्लू ओरिजिन के प्राइवेट अंतरिक्षयान से उड़ान भरी। ब्लू ओरिजिन अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस की कंपनी है। गोपी को पांच अन्य सहयात्रियों के साथ न्यू शेपर्ड-25 मिशन के लिए चुना गया था। अंतरिक्ष की उड़ान भरने के साथ ही वह पहले भारतीय अंतरिक्ष पर्यटक और अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने।

भारतीय सेना के विंग कमांडर राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष में गए थे। राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय हैं। ब्लू ओरिजिन की सातवीं मानव उड़ान, एनएस-25 रविवार सुबह वेस्ट टेक्सास से रवाना हुई। गोपी के साथ चालक दल के अन्य पांच सदस्यों में मेसन एंजेल, सिल्वेन शिरोन, केनेथ एल. हेस, कैरोल स्कालर और अमेरिका वायुसेना के पूर्व कैप्टन एड ड्वाइट शामिल थे। मिशन के दौरान चालक दल ने ध्वनि की गति से तीन गुना से भी अधिक गति से यात्रा की।

रॉकेट ने कैप्सूल को कार्मन लाइन से आगे बढ़ाया, जो पृथ्वी की सतह से 100 किलोमीटर ऊपर का क्षेत्र है। इस क्षेत्र के बाद बाहरी अंतरिक्ष शुरू होता है। अंतरिक्ष पर्यटक लगभग 10 मिनट तक अंतरिक्ष में रहे। उड़ान के दौरान यात्रियों को कुछ मिनटों के लिए भारहीनता और केबिन की खिड़कियों से पृथ्वी के अद्भुत दृश्यों का अनुभव हुआ। इसके बाद अंतरिक्षयान की धरती पर सुरक्षित वापसी हुई।

अब तक 31 लोगों को करवाई अंतरिक्ष की सैर

यह मिशन न्यू शेपर्ड प्रोग्राम के लिए सातवीं और इसके इतिहास की 25वीं मानव उड़ान थी। अब तक इस प्रोग्राम के तहत 31 इंसानों को कार्मन लाइन के ऊपर सैर कराया गया है। कर्मन रेखा पृथ्वी के वायुमंडल और बाहरी अंतरिक्ष के बीच पारंपरिक सीमा है। न्यू शेपर्ड ब्लू ओरिजिन द्वारा अंतरिक्ष पर्यटन के लिए विकसित पुन: प्रयोज्य उप-कक्षीय प्रक्षेपण यान है।

पायलट और एविएटर हैं गोपी ब्लू

ओरिजिन के अनुसार, गोपी एविएटर है। वह बुश, एरोबेटिक और सीप्लेन के साथ-साथ ग्लाइडर और हाट एयर बैलून के पायलट हैं। आंध्र प्रदेश में जन्मे गोपी ने अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जेट पायलट के रूप में काम किया है। उन्होंने ह‌र्ट्सफील्ड-जैक्सन अटलांटा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास वैश्विक स्तर का स्वास्थ्य केंद्र प्रिजर्व लाइफ कार्प की स्थापना की। एम्ब्री-रिडल एरोनाटिकल यूनिवर्सिटी से स्नातक थोटाकुरा व्यावसायिक रूप से जेट उड़ाते हैं। वह प्रिजर्व लाइफ कार्प के सह-संस्थापक भी हैं। यह कंपनी ह‌र्ट्सफील्ड-जैक्सन अटलांटा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास स्थित वैश्विक स्वास्थ्य केंद्र है। कुछ समय पहले वह माउंट किलिमंजारो के शिखर पर पहुंचे थे।

अंतरिक्ष में पोस्टकार्ड भी ले गए यात्री

उड़ान के दौरान अंतरिक्ष यात्री ब्लू ओरिजिन के फाउंडेशन, क्लब फार द फ्यूचर की ओर से अंतरिक्ष में पोस्टकार्ड ले गए। इस क्लब का मिशन पृथ्वी के लाभ के लिए भावी पीढ़ियों को एसटीईएएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, कला और गणित) में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना है।

पर्यावरण अनुकूल है न्यू शेपर्ड

न्यू शेपर्ड पर्यावरण अनुकूल है। न्यू शेपर्ड के लगभग 99 प्रतिशत द्रव्यमान का पुन: उपयोग किया जाता है, जिसमें बूस्टर, कैप्सूल, इंजन, लैंडिंग गियर और पैराशूट शामिल हैं। न्यू शेपर्ड का इंजन तरल आक्सीजन और हाइड्रोजन से संचालित होता है। उड़ान के दौरान कोई कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है। इसमें केवल जल वाष्प का उसर्जन होता है।

एड ड्वाइट ने 90 वर्ष की उम्र में भरी अंतरिक्ष की उड़ान

एड ड्वाइट ने आखिरकार रविवार को अंतरिक्ष की उड़ान भरी। एड ड्वाइट वायुसेना के पायलट थे जब राष्ट्रपति जान एफ. कैनेडी ने उन्हें नासा के शुरुआती अंतरिक्ष यात्री कोर के उम्मीदवार के रूप में चुना था। लेकिन उन्हें अंतरिक्ष में उड़ान भरने का अवसर नहीं दिया गया। वह अमेरिका के पहले अश्वेत अंतरिक्षयात्री तो नहीं बन सके, लेकिन 60 साल बाद उन्होंने रविवार को 90 वर्ष की उम्र में अंतरिक्ष की उड़ान भरकर दुनिया के सबसे उम्रदराज अंतरिक्षयात्री बनने का गौरव हासिल किया।

ड्वाइट उन संभावित अंतरिक्ष यात्रियों में से थे जिनकी सिफारिश वायुसेना ने नासा को की थी। लेकिन उन्हें 1963 के लिए अंतरिक्षयात्रियों की टीम में नहीं चुना गया। 1983 में गुइयन ब्लूफोर्ड अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अश्वेत अमेरिकी बने। 1966 में सेना से रिटायर हुए थे।