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H-1B वीजा हासिल करना और US लौटना होगा आसान, वीजा पर अमेरिका में ही मुहर लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी

अब अमेरिका के लिए एच-1बी वीजा हासिल करने में आसानी होगी। राष्‍ट्रपति जो बाइडन के एक आयोग ने अमेरिका में ही एच-1बी वीजा पर मुहर लगाने की सर्वसम्मति से अनुशंसा की है। इससे भारतीय पेशेवरों को बड़ी राहत मिलेगी।

By AgencyEdited By: Krishna Bihari SinghUpdated: Fri, 30 Sep 2022 08:03 PM (IST)
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H1B visa for US: अमेरिका जाने के लिए एच-1बी वीजा पाना अब आसान हो जाएगा।
वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका जाने के लिए एच-1बी वीजा पाना अब आसान होगा। इसके अलावा अनिवासियों के लिए अपने देश की यात्रा करने के बाद अमेरिका लौटना भी आसान होगा। एशियाई अमेरिकी और प्रशांत क्षेत्र के लोगों पर राष्ट्रपति के एक आयोग ने अमेरिका में ही एच-1बी वीजा पर मुहर लगाने की सर्वसम्मति से अनुशंसा की है। अगर राष्ट्रपति जो बाइडन इसे स्वीकार कर लेते हैं, तो इससे हजारों पेशेवरों खासतौर से भारतीयों को बड़ी राहत मिलेगी।

करना पड़ता है आवेदन

मौजूदा प्रक्रिया के तहत किसी व्यक्ति को अपने देश के अमेरिकी दूतावास में वीजा पर मुहर के लिए आवेदन करना पड़ता है। आयोग के सदस्य भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक जैन भुटोरिया ने एच-1बी वीजा पर अमेरिका में मुहर लगाने का सुझाव दिया था। भुटोरिया ने आयोग की बैठक में कहा कि वीजा धारकों को इसका नवीनीकरण कराने या अपने देश की यात्रा करने के बाद समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

वीजा अर्जी अटकने का डर

कई बार उन्हें अपने परिवारों से अलग होना पड़ता है। ऐसी स्थितियां भी आती हैं, जब कई लोगों के माता-पिता आइसीयू में भर्ती होते हैं या किसी के अभिभावक का निधन हो जाता है। लेकिन वे अपने देश नहीं जा पाते। उन्हें डर होता है कि कहीं वीजा अर्जी अटकी न रह जाए।

भारत में अभी वीजा मिलने की प्रतीक्षा अवधि 844 दिन

एच-1बी वीजा पाने या उसके नवीनीकरण के लिए बड़ी संख्या में लोग अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं। भारत में अभी वीजा मिलने की प्रतीक्षा अवधि 844 दिन की है। पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा कई अन्य देशों में भी ऐसे ही हालात हैं। ऐसे में उनके वीजा पर मुहर नहीं लग पाती और वे फंस जाते हैं।

क्या है एच-1बी वीजा

एच-1बी वीजा एक गैर-आव्रजन वीजा है। इससे अमेरिकी कंपनियों को अनुमति मिलती है कि वह विशेषज्ञता वाले पेशे में विदेशी कर्मचारियों की भर्ती करे। कई प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कामगारों की भर्ती के लिए इस पर निर्भर रहती हैं। 

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