आतंकी रियाज नायकू के मारे जाने पर हिजबुल प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन बोला- इंडिया का पलड़ा भारी
अमेरिकी विदेश विभाग ने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें दिख रहा है कि हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के रूप में कमांडर रियाज नायकू के लिए शोक सभा आयोजित की।
By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Sat, 09 May 2020 07:15 PM (IST)
वाशिंगटन, एएनआइ। पाकिस्तान का आतंकवादियों को समर्थन जारी है, चाहे कोरोना महामारी का दौर हो या किसी प्रकार का वैश्विक प्रतिबंध हो। अमेरिकी विदेश विभाग ने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें दिख रहा है कि वैश्विक आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के रूप में हिजबुल कमांडर रियाज नायकू के लिए शोक सभा आयोजित की गई है, जिसे कुछ दिनों पहले भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में मार गिराया था। इस दौरान सैयद सलाहुद्दीन ने हंदवाड़ा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली। इसमें वह यह भी कहता है कि पाकिस्तान की नीतियां कमजोर हैं और भारत का पलड़ा भारी है।
#WATCH Video emerges of US State Department designated Global terrorist and Hizbul Mujahideen Chief Syed Salahuddin holding a condolence meet for Hizbul terrorist Riyaz Naikoo, killed by Indian forces a few days ago pic.twitter.com/pruq3sTRtd
— ANI (@ANI) May 9, 2020
रियाज को मारे जाने सदम लगा वीडियो में सलाहुद्दीन नायकू की तारीफ करते हुए कहता है कि नायकू ने 2017 में जिम्मेदारी संभाली थी तब से अब तक वह भारत के लिए माथे की शिकन साबित हो रहा था। भारत ने उसके सिर पर अच्छी रकम घोषित की थी। सलाहुद्दीन कहता है कि रियाज नायकू के मारे जाने से उसे बहुत सदमा लगा है।
माना जा रहा है कि कश्मीर में रियाज नाइकू की मौत हिजबुल मुजाहिदीन के लिए सबसे बड़ा झटका है। एक समय बुरहान स्थानीय युवाओं को जोड़ने का चेहरा था। बाद में मूसा और नायकू यह चेहरे बने। इन ऐसे में नाइकू के मारे जाने से कश्मीर में हिजबुल के नेटवर्क पर निश्चित तौर पर गहरी चोट हुई है। ऐसे में उसका नया कैडर अन्य आतंकी संगठनों का दामन थाम सकता है।
रियाज नायकू ने हिजबुल के अपने कैडर के साथ कश्मीर में विभिन्न आतंकी वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। उसने पुलिसकर्मियों और सुरक्षाबलों के साथ-साथ उनके परिजनों को निशाना बनाया। उसने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ साथ कश्मीर के कई नौकरशाहों को भी धमकियां दीं। उसने हर इलाके में हिजबुल के छोटे-छोटे दस्ते तैयार कर उनमें इलाकों को भी बांटा। इसके साथ ही उसने एजीएच और इस्लामिक स्टेट में शामिल हुए हिजबुल के आतंकियों से संपर्क साधना शुरू किया।
जानिए, हिजबुल मुजाहिद्दीन के इतिहास और इसके मुखिया सैयद सलाहुद्दीन के बारे में जम्मू-कश्मीर में आतंक का दूसरा नाम हिजबुल मुजाहिद्दीन को हिज्ब-उल-मुजाहिद्दीन या एचएम के नाम से भी जाना जाता है, जिसका गठन 1990 के आसपास हुआ था। इसका गठन मास्टर एहसान डार ने किया था। हिजबुल मुजाहिद्दीन जम्मू-कश्मीर के सबसे बड़े और पुराने आतंकी संगठनों में से एक है। इसका मुखिया सैयद सलाहुद्दीन के नाम से जाना जाता है।
कौन है सैयद सलाहुद्दीनसैयद सलाहुद्दीन इस समय आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का प्रमुख होने के साथ-साथ जिहाद काउंसिल का चेयरमैन भी है। वह जम्मू-कश्मीर के बड़गाम का रहने वाला है। उसका जन्म 18 फरवरी 1946 को बड़गाम में हुआ था। वह 1987 में जम्मू-कश्मीर में चुनाव भी लड़ चुका है, लेकिन वह हार गया। 71 साल का सलाउद्दीन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहता है।
सैयद सलाहुद्दीन को अमेरिका ने अमेरिका ने वैश्विक आतंकवादी घोषित कर रखा है। सलाहुद्दीन कश्मीर में आतंकियों को ट्रेनिंग देता है। सलाहुद्दीन कभी पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में रहता है तो कभी पाकिस्तान में। उसकी पत्नी हिंदुस्तान में ही रहती है।