Red Sea Attack: अमेरिकी जहाज पर हूती विद्रोहियों ने बैलिस्टिक मिसाइल से किया हमला, यूएस सेंट्रल कमांड ने दी जानकारी
यमन के हूती विद्रोहियों ने सोमवार को लाल सागर में मौजूद अमेरिकी नौसेना के विध्वंसक युद्धपोत यूएसएस लैबून की ओर एंटी शिप मिसाइल दागी। बीते हफ्ते लगातार दो दिन अमेरिका के यमन में हूती के ठिकानों पर हमलों के बाद पहली बार हूती की ओर से जवाब दिया गया है। हूती ने कहा है कि लाल सागर में इजरायल की ओर जाने वाले जहाजों पर हमले जारी रहेंगे।
एजेंसियां, वाशिंगटन। यमन समर्थित हूती विद्रोहियों ने सोमवार को अमेरिकी जहाज ड्राई बल्क ईगल को निशाना बनाकर एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया। इस हमले में कोई भी हताहत नहीं हुआ है। यूएस सेंट्रल कमांड ने सोमवार को यह जानकारी दी है। जहाज के संचालक ईगल बल्क शिपिंग ने कहा कि अदन की खाड़ी से 100 मील दूर जहाज पर हमला किया गया। हालांकि, इस हमले में कोई भी नाविक घायल नहीं हुआ।
यूएसएस लैबून को भी हूती विद्रोहियों ने बनाया था निशाना
मालूम हो कि इससे पहले भी यमन के हूती विद्रोहियों ने सोमवार को ही लाल सागर में मौजूद अमेरिकी नौसेना के विध्वंसक युद्धपोत यूएसएस लैबून की ओर एंटी शिप मिसाइल दागी। लेकिन लक्ष्य से टकराने से पहले उस मिसाइल को अमेरिकी लड़ाकू विमान ने नष्ट कर दिया। हूती ने यह मिसाइल यमन के बंदरगाह शहर होदेदा से दागी थी।
हूती ने पहली बार अमेरिका हमले का दिया जवाब
बीते हफ्ते लगातार दो दिन अमेरिका के यमन में हूती के ठिकानों पर हमलों के बाद पहली बार हूती की ओर से जवाब दिया गया है। हूती ने कहा है कि लाल सागर में इजरायल की ओर जाने वाले जहाजों पर हमले जारी रहेंगे। इस बीच कतर ने अपने एलपीजी टैंकरों के लाल सागर में जाने पर रोक लगा दी है। हूती लाल सागर के जिस समुद्री मार्ग से गुजरने वाले मालवाहक जहाजों पर हमले कर रहा था, वह विश्व के सबसे व्यस्त समुद्री मार्गों में शामिल हैं।ईरान समर्थित सशस्त्र संगठन है हूती
नवंबर से जारी हूती के हमलों की वजह से कई कंपनियों ने इस मार्ग पर अपने जहाज भेजने बंद कर दिए, तो कुछ ने रास्ता बदलकर आवागमन का विकल्प चुना है। इसके चलते वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था बाधित हुई और माल की कीमत बढ़ी है। हूती शिया मुस्लिमों का ईरान समर्थित सशस्त्र संगठन है।इस संगठन ने 2014 में यमन की राजधानी सना सहित बड़े इलाके पर हथियार के बल पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद उसने सऊदी अरब और यूएई के साथ कई वर्षों तक युद्ध किया लेकिन यमन का कब्जा नहीं छोड़ा। इस समय वहां पर युद्धविराम लागू है।
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