'अगर मैं चुनाव हार जाता हूं'... ट्रंप के बयान से अमेरिका में खलबली; क्या 2020 की तरह होगी हिंसा?
US Presidential Election पांच नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव है। हालांकि मतगणना में कई दिनों का समय लगेगा। इसके बाद तय होगा कि आखिर अगले चार साल अमेरिका में कौन राज करेगा? मगर पूर्व राष्ट्रपति और मौजूदा रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बयान से अमेरिका में खलबली मची है। ट्रंप ने संकेत दिया है कि अगर उनकी हार होती है तो यह बिना हस्तक्षेप के संभव नहीं है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका में चार दिन बाद राष्ट्रपति पद का चुनाव है। 5 नवंबर को अमेरिका के लोग अपने अगले राष्ट्रपति का चुनाव करेंगे। मगर अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप अपने प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस से चुनाव हार जाते तो क्या 2020 की तरह अमेरिका में चुनावी हिंसा देखने को मिलेगी? यह सवाल इसलिए उठ रहा, क्योंकि ट्रंप ने हाल में अपने एक बयान में चुनाव में धांधली का जिक्र किया है।
एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं ट्रंप और हैरिस
डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस लगातार एक-दूसरे पर हमला बोल रहे हैं। हाल ही में ट्रंप ने यह भी कहा कि कमला हैरिस ने हिंदुओं को नजरअंदाज किया है। मगर वह हिंदुओं की रक्षा करेंगे। कमला हैरिस अपने बयान में ट्रंप को अस्थिर व्यक्ति बता चुकी हैं। हैरिस ने ट्रंप को अपनी मेडिकल रिपोर्ट तक सार्वजनिक करने की चुनौती दे चुकी हैं।
वे धोखा देते हैं: ट्रंप
चुनाव से कुछ दिन पहले ट्रंप के बयान ने अमेरिका में चुनाव और राजनीतिक पर्यवेक्षकों को चौकन्ना कर दिया है। ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि अगर चुनाव में उनकी हार होती है तो यह केवल लोकतांत्रिक हस्तक्षेप से होगी। मिशिगन रैली में ट्रंप ने कहा कि अगर मैं चुनाव हार जाता हूं तो यह केवल लोकतांत्रिक हस्तक्षेप से होगा। यही एकमात्र तरीका है, क्योंकि वह धोखा देते हैं।
अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर ट्रंप चुनाव हारते हैं तो रिजल्ट पर संदेह व्यक्त कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो उनके समर्थक 2020 की तरह उग्र हो सकते हैं। 2020 में भी ट्रंप और उनके समर्थक ऐसा कर चुके हैं।
2020 में क्या हुआ था?
2020 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जो बाइडन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। हार के बाद ट्रंप और उनके समर्थकों ने चुनाव परिणामों को अदालतों में चुनौती दी। हालांकि इनका रिजल्ट पर कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद छह जनवरी 2021 को ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल हिल पर हमला कर दिया था। कई स्थानों पर ट्रंप समर्थकों ने हिंसा की थी।