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यूक्रेन संघर्ष को लेकर भारत ने UN से पूछ लिया तल्ख सवाल, कहा- यह अपना दायित्व निभाने में विफल रहा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन को लेकर हो रही खुली बहस में गुरुवार को भाग लेते हुए भारत के विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने उक्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह पूछना चाहिए कि यूक्रेन संघर्ष को लेकर क्या हम किसी स्वीकार्य समझौते के करीब हैं और यदि नहीं तो फिर सुरक्षा परिषद क्या कर रही है।

By AgencyEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sat, 23 Sep 2023 07:00 AM (IST)
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यूक्रेन संघर्ष सुलझाने में क्यों निष्प्रभावी रही सुरक्षा परिषद: भारत (file photo)

संयुक्त राष्ट्र, एजेंसी: यूक्रेन युद्ध जारी है और इसके जल्द खत्म होने के आसार भी नहीं दिख रहे। ऐसे में भारत ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह पूछना चाहिए कि सुरक्षा परिषद यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने में क्यों निष्प्रभावी रही। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्राथमिक कार्य अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की स्थापना है, लेकिन यह अपना दायित्व निभाने में विफल रहा है।

पीटीआई की खबर के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन को लेकर हो रही खुली बहस में गुरुवार को भाग लेते हुए भारत के विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने उक्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह पूछना चाहिए कि यूक्रेन संघर्ष को लेकर क्या हम किसी स्वीकार्य समझौते के करीब हैं, और यदि नहीं तो फिर सुरक्षा परिषद क्या कर रही है।

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वर्मा ने जोर देते हुए कहा कि हमें बहुपक्षवाद को प्रभावी करने की जरूरत है। पुराने और पुरातनपंथी ढांचे में सुधार और पुनर्निर्माण होना चाहिए। अन्यथा इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहेंगे। संजय वर्मा ने यूक्रेन को लेकर भारत के पक्ष को रखते हुए कहा कि हम सदैव इसकी वकालत करते रहे हैं कि मानव जीवन की कीमत पर कोई समझौता नहीं हो सकता।

पीएम मोदी कह चुके हैं कि यह युग युद्ध का नहीं है, बातचीत से ही किसी समस्या को सुलझा सकते हैं। अल्बानिया की अध्यक्षता में सुरक्षा परिषद की खुली बहस में बुधवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भाग लिया था। बैठक में जेलेंस्की और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच संभावित टकराव उस समय टल गया जब यूक्रेनी नेता भाषण के बाद जल्द ही परिषद से बाहर चले गए।