संयुक्त राष्ट्र में भारत का पाक पर प्रहार, कहा- आतंकवाद को समर्थन के कुछ देश हैं स्पष्ट दोषी
कुछ देशों में कानूनी परिचालन ढांचे और आवश्यक आतंकवाद के वित्तपोषण (सीएफटी) क्षमताओं का मुकाबला करने की कमी है तो कुछ देश ऐसे हैं जो स्पष्ट रूप से आतंकवाद को सहायता और समर्थन देने और जानबूझकर वित्तीय सहायता और आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करने के दोषी हैं।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Fri, 19 Nov 2021 04:16 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने एक बार फिर से आतंकवाद के सुरक्षित पनाहगाह और आतंकियों के आका पाकिस्तान की जमकर खबर ली है। संयुक्त राष्ट्र में पाक पर निशाना साधते हुए भारत ने कहा कि कुछ देश आतंकवाद का समर्थन करने और सहयोग करने के 'स्पष्ट रूप से दोषी' हैं और वे जानबूझकर आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करते हैं। भारत ने ऐसे देशों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की और सामूहिक रूप से ऐसे देशों को जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से एक बार फिर कहा कि भारत तीन दशकों से अधिक समय से सीमा पार आतंकवाद का शिकार रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव राजेश परिहार ने गुरुवार को आतंकवाद विरोधी समिति और 1267/1989/2253 आइएसआइएल (दाएश) और अलकायदा प्रतिबंध समिति की संयुक्त विशेष बैठक में यह टिप्पणी की। उन्होंने उन रिपोर्ट्स का हवाला दिया जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी समूहों के नेताओं पर मुकदमा चलाने में दक्षिण एशिया के कुछ देशों की ढिलाई की ओर इशारा करती हैं और जहां आतंकी संगठन धन जुटाना जारी रखे हुए हैं। जाहिर तौर पर यह इशारा पाकिस्तान की ओर ही था।
आतंकवादियों को वित्तीय संसाधनों तक पहुंचने से रोकना महत्वपूर्ण
भारत के दूत राजेश परिहार ने कहा कि आतंकवाद के खतरे का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के लिए आतंकवादियों को वित्तीय संसाधनों तक पहुंचने से रोकना महत्वपूर्ण है। कुछ देशों में कानूनी परिचालन ढांचे और आवश्यक आतंकवाद के वित्तपोषण (सीएफटी) क्षमताओं का मुकाबला करने की कमी है तो कुछ देश ऐसे हैं जो स्पष्ट रूप से आतंकवाद को सहायता और समर्थन देने और जानबूझकर वित्तीय सहायता और आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करने के दोषी हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ऐसे देशों को को उनके इन कायरें के लिए जवाबदेह ठहराना चाहिए।