India Canada Row: कनाडा के राजनयिकों के भारत से चले जाने से अमेरिका चिंतित, कहा- विवाद सुलझाने के लिए मिशन जरूरी
अमेरिकी विदेश विभाग ने बयान जारी कर कहा कि भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति को उल्लेखनीय रूप से कम करने की कनाडा सरकार की मांग के जवाब में हम कनाडा के राजनयिकों के भारत से चले जाने से चिंतित हैं। साथ ही कहा कि भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह कनाडा की राजनयिक उपस्थिति में कमी पर जोर न दे
By Jeet KumarEdited By: Jeet KumarUpdated: Sat, 21 Oct 2023 06:06 AM (IST)
एएनआई, वाशिंगटन। कनाडा ने भारत से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाने की घोषणा कर दी है। इसको लेकर अमेरिका ने चिंता जाहिर की है। अमेरिकी विदेश विभाग ने बयान जारी कर कहा कि भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति को उल्लेखनीय रूप से कम करने की कनाडा सरकार की मांग के जवाब में, हम कनाडा के राजनयिकों के भारत से चले जाने से चिंतित हैं।
अमेरिका ने भारत सरकार से किया आग्रह
आगे बयान में कहा कि मतभेदों को सुलझाने के लिए जमीनी स्तर पर राजनयिकों की आवश्यकता होती है। साथ ही कहा कि हमने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह कनाडा की राजनयिक उपस्थिति में कमी पर जोर न दे और कनाडा में चल रही जांच में सहयोग करे।
विदेश विभाग के अधिकारी मिलर ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि भारत राजनयिक संबंधों पर 1961 वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को बरकरार रखेगा, जिसमें कनाडा के राजनयिक मिशन के मान्यता प्राप्त सदस्यों द्वारा प्राप्त विशेषाधिकारों और उन्मुक्तियों के संबंध में भी शामिल है।
किसी भी देश में राजनयिकों की उपस्थिति जरूरी होती है
विदेश विभाग के अधिकारी मिलर ने कहा कि मतभेदों को सुलझाने के लिए संबंधित देश में राजनयिकों की उपस्थिति जरूरी होती है। हम उम्मीद करते हैं कि भारत राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के तहत अपने दायित्वों का पालन करेगा, जिसमें कनाडा के राजनयिक मिशन के मान्यता प्राप्त अधिकारियों को मिले विशेषाधिकार भी शामिल हैं।
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भारत बोला किसी भी नियम का नहीं किया उल्लंघन
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि नई दिल्ली और ओटावा में आपसी राजनयिक उपस्थिति में समानता की मांग करते हुए भारत में किसी भी अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन नहीं किया गया है। कनाडा ने भारत पर राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।