India-Canada Row: वाशिंगटन में एंटनी ब्लिंकन से मिले विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिका के NSA से की भी मुलाकात
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी दौरे पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बातचीत की और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से भी मुलाकात की। एस जयशंकर की अमेरिकी यात्रा भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद और निज्जर की हत्या से जुड़े वाद-विवाद के बीच हो रही है और बैठकों में यह मुद्दा उठने की उम्मीद है।
By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Fri, 29 Sep 2023 01:41 AM (IST)
ऑनलाइन डेस्क, वाशिंगटन: भारत-कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या के बाद रिश्तों में तल्खी देखी जा रही है। इस दौरान, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिका के दौरे पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बातचीत की और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से भी मुलाकात की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर के दौरे के दौरान तमाम लोगों के साथ मुलाकातों का ऐजेंडा स्पष्ट नहीं है लेकिन अमेरिका के दो करीबी उसके पारंपरिक सहयोगी कनाडा और भारत के बीच नवीनतम राजनयिक संकट प्रमुखता से उठने की उम्मीद है।
#WATCH वाशिंगटन, डीसी: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की। pic.twitter.com/8iLna5pvuW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 28, 2023
एस जयशंकर ने ट्वीट कर दी जानकारी
जयशंकर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक महासभा की बैठकों में भाग लेने के बाद न्यूयॉर्क से अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन पहुंचे। एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि एनएसए जेक सुलिवन के साथ बैठक के साथ मेरी वाशिंगटन डीसी यात्रा शुरू हुई। इस साल हमारे द्विपक्षीय संबंधों में जबरदस्त प्रगति को पहचाना और इसे आगे बढ़ाने पर चर्चा की।इसी के साथ विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई से मिलकर अच्छा लगा। हमारे बढ़ते व्यापार और आर्थिक संबंधों और इसके व्यापक महत्व के बारे में बात की।
भारत-कनाडा के बीच देखी जा रही तल्खी
एस जयशंकर की अमेरिकी यात्रा भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद और निज्जर की हत्या से जुड़े वाद-विवाद के बीच हो रही है। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा में अलगाववादी समूहों, हिंसा और उग्रवाद से जुड़े संगठित अपराध पर चिंता जताई थी। उन्होंने यह भी कहा था कि कनाडा में राजनीतिक कारणों से इन मुद्दों को बने रहने दिया गया है।