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India in UN: भारत ने लीबिया में आतंकवादी गतिविधियों के फिर से शुरू होने पर जताई चिंता, राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव पर दिया जोर

भारत लीबिया में फिर से शुरू हुए आतंकवादी समूहों के हो रहे गतिविधियों से चिंतित है। भारत ने जोर देते हुए कहा है कि जल्द से जल्द इन गतिविधियों पर रोक लगनी चाहिए । साथ ही युद्धग्रस्त जगहों पर शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह किया ।

By Babli KumariEdited By: Updated: Tue, 26 Jul 2022 09:47 AM (IST)
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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के राजदूत आर रवींद्र
न्यूयॉर्क,एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत ने सोमवार को लीबिया में आतंकवादी समूहों के फिर से उभरने और उनके गतिविधियों पर गहरी चिंता व्यक्त की,और इस बात पर जोर दिया कि शहरी युद्ध के विस्तार से बचने के लिए ऐसी संबद्ध संस्थाओं से निपटा जाना चाहिए। लीबिया पर यूएनएससी ब्रीफिंग में बोलते हुए,संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के राजदूत आर रवींद्र ने कहा,"हम लीबिया में आतंकवादी गतिविधि के पुनरुत्थान पर चिंतित हैं,और हम यह दोहराते हैं कि आतंकवादी समूहों और संबद्ध संस्थाओं को देश में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।" उन्होंने युद्धग्रस्त भूमि में संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान का भी आह्वान किया।

लीबिया पर यूएनएससी में एक ब्रीफिंग में, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के राजदूत आर रवींद्र ने कहा,"हम लीबिया में आतंकवादी गतिविधि के पुनरुत्थान पर चिंतित हैं,और हम दोहराते हैं कि आतंकवादी समूहों और संबद्ध संस्थाओं को लीबिया में बिना किसी चुनौती के काम करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

हालांकि, उन्होंने उस प्रगति का स्वागत किया जो पिछले महीने (28-29 जून, 2022) के अंत में जिनेवा में प्रतिनिधि सभा और राज्य की उच्च परिषद के अध्यक्षों की बैठक में हुई थी।

भारतीय दूत ने कहा, 'यह जरूरी है कि सभी बकाया राजनीतिक मुद्दों को संबंधित पक्षों द्वारा शांतिपूर्वक हल किया जाए, लीबिया के लोगों के बड़े हितों को ध्यान में रखते हुए।'

जल्द से जल्द राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव कराने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा,'हमें उम्मीद है कि सभी पार्टियां लीबिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए मिलकर काम करेंगी। लीबिया के लिए एक तत्काल प्राथमिकता राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव जल्द से जल्द कराना है। वह भी स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी और विश्वसनीय तरीके से।' उन्होंने कहा, 'हम चुनाव कराने के लिए संवैधानिक आधार पर लीबिया की पार्टियों के बीच शीघ्र सहमति की उम्मीद करते हैं।'

2011 में दिवंगत नेता मुअम्मर गद्दाफी के शासन के पतन के बाद से लीबिया लगातार हिंसा और अशांति का सामना कर रहा है।