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भारत की अंतरिक्ष तकनीक में अंतिम पड़ाव तक जाने का है दमखम, भारतीय स्टार्टअप देश के विकास को बना रहे शानदार

एनवाइटी के प्रकाशित लेख में भारत को वैज्ञानिक शक्ति के रूप में रेखांकित करते हुए कहा गया है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान एक संयुक्त वक्तत्व में कहा गया था कि दोनों देश के नेताओं ने प्रण किया है कि अंतरिक्ष सहयोग के क्षेत्र में नए मोर्चों तक पहुंचना है। जिसके लिए अमेरिका भारत के निजी क्षेत्रों से गठजोड़ करेगा।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 05 Jul 2023 12:56 AM (IST)
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एनवाइटी ने अपने आलेख में कहा है कि भारत ने 1963 में अपना पहला राकेट लांच किया था।
न्यूयार्क, पीटीआई। अमेरिकी समाचार पत्र न्यूयार्क टाइम्स ने भारत के महत्वाकांक्षी स्पेस प्रोग्राम की जमकर प्रशंसा की है। 140 पंजीकृत अंतरिक्ष तकनीकों वाले स्टार्टअप से लैस भारत को अंतरिक्ष कार्यक्रम में चीन को कड़ी टक्कर देने वाला बताया है। अमेरिका के इस प्रमुख अखबार के अनुसार भारत अंतरिक्ष तकनीक की दिशा में इस ग्रह को अंतिम पड़ाव तक ले जाने का दमखम रखता है।

भारत के कदम बेहद मजबूती से बढ़ रहे है आगे

एनवाइटी ने अपने आलेख में कहा है कि भारत ने 1963 में अपना पहला राकेट लांच किया था तब वह एक गरीब देश था, जो विश्व की सबसे आधुनिक तकनीक को आजमाना चाहता था। तब राकेट को साइकिल पर लांचपैड तक ले जाते हुए अपने सबसे पहले स्वदेशी राकेट को भारत ने पृथ्वी से 124 मील ऊपर पहुंचाया था। इतने सालों में भारत ने कभी भी यह जताने की कोशिश नहीं की कि वह अमेरिका और सोवियत संघ के साथ कदम से कदम मिला रहा है। लेकिन आज अंतरिक्ष पर अपनी पकड़ की होड़ में भारत के कदम बेहद मजबूती से आगे बढ़े हैं।

'द सरप्राइजिंग स्ट्राइवर इन द व‌र्ल्ड स्पेस बिजनेस' शीर्षक से प्रकाशित लेख में 140 पंजीकृत स्पेस संबंधित भारतीय स्टार्टअप का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इन्हें स्थानीय शोधकर्ताओं से जोड़ते हुए वह स्टार्टअप के विकास को धमाकेदार बना रहे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना शुरू होने से पहले महज पांच स्टार्टअप वाले भारत में अब हर तरह की सेवाएं देने के लिए एक बड़ा बाजार है।

अमेरिका भारत के निजी क्षेत्रों से करेगा गठजोड़

भारत को वैज्ञानिक शक्ति के रूप में रेखांकित करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान एक संयुक्त वक्तत्व में कहा गया था कि दोनों देश के नेताओं ने प्रण किया है कि अंतरिक्ष सहयोग के क्षेत्र में नए मोर्चों तक पहुंचना है।

अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के पूरे क्रम में अमेरिका वाणिज्यिक सहयोग के लिए भारत के निजी क्षेत्रों से गठजोड़ करेगा। ताकि निर्यात को नियंत्रित किया जा सके और तकनीकी हस्तांतरण सुविधाजनक हो। रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका व भारत दोनों के ही प्रतिपक्षी चीन के खिलाफ अंतरिक्ष तकनीकों के क्षेत्र में भारत बढ़त ले रहा है। रूस और चीन अंतरिक्ष में प्रक्षेपण के सस्ते विकल्प थे। लेकिन यूक्रेन से युद्ध में अंतरिक्ष तकनीकों में रूस की भूमिका नगण्य हो गई है।